मध्य प्रदेशराज्य

आज लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना, 48 घंटे तक होंगे महाकाल के दर्शन

उज्जैन। मंगलवार को महाशिवरात्रि पर्व (mahashivratri festival) है। कोरोना काल के चलते दो साल बाद इस बार महाशिवरात्रि पर्व महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) में धूमधाम से मनाया जा रहा है। मंगलवार को देशभर से 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के दर्शन करने के लिए आने की संभावना है। बाबा महाकाल (Baba Mahakal) के दर्शन लगातार 48 घण्टे तक होंगे। वहीं बुधवार को वर्ष में एक बार दोपहर में बाबा महाकाल की भस्मार्ती सम्पन्न होगी।

महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात 3 बजे नियमित होनेवाली भस्मार्ती पश्चात सुबह करीब 5 बजे से आम श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए नंदीहाल के पीछे बनी पीतल की बेरीकेटिंग तक प्रवेश दिया जाएगा। दर्शन का सिलसिला लगातार चलेगा और बुधवार को दोपहर में होने वाली भस्मार्ती से पूर्व यह सिलसिला थमेगा। दोपहर में होने वाली भस्मार्ती के पश्चात पुन: दर्शन का सिलसिला प्रारंभ होगा, जो कि शयन आरती के साथ समाप्त हो जाएगा।

सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात ढाई बजे मंदिर के पट खुलेंगे। तड़के 3 बजे भस्मार्ती प्रारंभ होगी। प्रात: 8 बजे मंगला आरती होगी। बाबा महाकाल महाशिरात्रि पर्व पर निराकार स्वरूप में दर्शन देंगे। सतत जलधारा चढ़ती रहेगी। मंगलवार दोपहर 12 बजे तहसील स्तर की शासकीय पूजा होगी। इसी दिन शाम 5 बजे प्रदेश सरकार की ओर से शासकीय पूजा की जाएगी। सायं 7 बजे संध्या आरती होगी। वहीं रात्रि 12 बजे जिला प्रशासन पूजा करवाएगा। एक मार्च की रात्रि में शयन आरती नहीं होगी। रात्रि जागरण के तहत भगवान की विशेष पूजा सम्पन्न होगी।

तड़के 4 बजे बाबा का पुष्प मुकुट श्रृंगार होगा। इस श्रृंगार में बाबा के दर्शन प्रात: 10 बजे तक श्रद्धालुओं को हो सकेंगे। इसके बाद दोपहर में वर्ष में एक बार होनेवाली भस्मार्ती की तैयारी होगी तथा दोपहर 12 बजे भस्मार्ती होगी। आम श्रद्धालुओं का प्रवेश निषेध रहेगा। बुधवार दोपहर 2 बजे भोग आरती होगी। तब तक बाबा निराहार ही रहेंगे। इसके बाद पूजा का पूर्ववत क्रम चालू हो जाएगा।

जिला प्रशासन ने वाहन पार्किंग व्यवस्था,दर्शन व्यवस्था को अंतिम रूप दे दिया है। बाहर से आनेवाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पाइंट बनाए गए हैं तथा उपस्थित पुलिसकर्मी उन्हे गाइड करेंगे।

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