Tokyo Olympics: 24 साल की उम्र में बेलिंडा ने अपने देश को दिलाया गोल्ड, किया वो कारनामा जो रोजर फेडरर के लिए आज भी है सपना
टोक्यो ओलिंपिक में स्विट्जरलैंड की नंबर-9 वरीयता प्राप्त बेलिंडा बेनसिक ने देश को गोल्ड मेडल दिलाया. बेलिंडा ने दो घंटे और 30 मिनट तक चले मुकाबले में चेक गणराज्य की गैर-वरीयता प्राप्त खिलाड़ी माकेर्टा वोंद्रोसोवा को 7-5, 2-6, 6-3 से हराकर टोक्यो ओलिंपिक में टेनिस का महिला सिंगल्स खिताब जीत लिया.
स्विट्जरलैंड के लिए यह टेनिस में तीसरा ओलिंपिक गोल्ड मेडल है. इससे पहले, मार्क रॉसेट ने बार्सिलोना 1992 में पुरुष सिंगल्स में स्वर्ण जीता था और रोजर फेडरर और स्टेन वावरिंका ने बीजिंग 2008 में पुरुष डबल्स जीता था. हालांकि फेडरर और वावरिंका दोनों ही सिंगल्स में यह कारनामा नहीं कर पाए. रोजर फेडरर सिंगल्स वर्ग में गोल्ड तो नहीं जीत पाए लेकिन लंदन 2012 में वह पुरुष सिंगल्स मेडल विजेता थे, जबकि टिमिया बेसिंस्की और मार्टिना हिंगिस रियो 2016 में महिला डबल्स में सिल्वर पर कब्जा किया था.
बेलिंडा ने अपनी यह जीत रोजर फेडरर के नाम की. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि मैंने यह गोल्ड फेडरर और मार्टिना के लिए जीता है. मुझे लगता है कि उन्होंने अपने करियर में बहुत कुछ किया है और इस ओलिंपिक मेडल के साथ मैं उनके लिए कुछ कर पाई हूं. यह गोल्ड मार्टिना और रोजर दोनों के लिए है.’ वहीं रोजर फेडरर ने भी ट्वीट करके बेलिंडा को मुबारकबाद दी जिसने बेलिंडा की खुशी को बढ़ा दिया.
फैंस को उम्मीद थी कि शानदार फॉर्म में चल रहे नोवाक जोकोविच टोक्यो ओलिंपिक में अपने देश के लिए गोल्ड मेडल जीत लेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जोकोविच सेमीफाइनल में एलेक्सजेंडर ज्वेरेव से हार गए थे. वहीं फेडरर ने इस बार चोट के चलते ओलिंपिक में हिस्सा नहीं लिया.