स्पोर्ट्स

Tokyo Paralympics: गोल्ड और वर्ल्ड रिकॉर्ड से भी नहीं भरा सुमित अंतिल का मन, कहा – बेस्ट अभी बाकी है

टोक्यो पैरालिंपिक (Tokyo Paralympics) में भारत के लिए ऐतिहासिक कामयाबी हासिल करने वाले सुमित अंतिल को लगता है कि उन्होंने अब भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं किया. तीन बार के वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ने वाले सुमित अंतिल ने भारत को टोक्यो में दूसरा गोल्ड दिलाया. वह अब और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं.

उनके थ्रो की सीरीज 66.95, 68.08, 65.27, 66.71, 68.55 और फाउल रही. इनमें से 68.55 मीटर को नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया. ऑस्ट्रेलिया के मिचाल बुरियन (66.29 मीटर) और श्रीलंका के डुलान कोडिथुवाक्कू (65.61 मीटर) ने क्रमश: सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीते. एफ64 स्पर्धा में एक पैर कटा होने वाले एथलीट कृत्रिम अंग (पैर) के साथ खड़े होकर हिस्सा लेते हैं.

उन्होंने कहा ,’यह मेरा पहला पैरालिंपिक था और प्रतिस्पर्धा कड़ी होने के कारण मैं थोड़ा नर्वस था.’ उन्होंने कहा ,’मैं सोच रहा था कि 70 मीटर से अधिक का थ्रो जायेगा. शाायद मैं 75 मीटर भी कर सकता था. यह मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं था लेकिन विश्व रिकॉर्ड तोड़कर मैं खुश हूं.’ मोटरसाइकिल दुर्घटना में बायां पैर गंवाने से पहले सुमित एक पहलवान थे. उन्होंने कहा ,’मैं बहुत अच्छा पहलवान नहीं था. मेरे इलाके में परिवार आपको पहलवानी में उतरने के लिये मजबूर करता है. मैंने सात आठ साल की उम्र में ही कुश्ती खेलना शुरू का दिया था और चार पांच साल तक खेलता रहा. मैं इतना अच्छा पहलवान नहीं था.’

उन्होंने कहा ,’हादसे के बाद मेरी जिंदगी बदल गई. मैं 2015 में लोगों से मिलने स्टेडियम गया तो मैने पैरा एथलीटों को देखा. उन्होंने कहा कि तुम्हारी कद काठी अच्छी है तो अगला पैरालम्पिक खेल सकते हो. कौन जानता है कि चैम्पियन बन जाओ.’ और ऐसा ही हुआ. उन्होंने कहा ,’यह सपना सच होने जैसा है. मैं अपनी भावनायें व्यक्त नहीं कर पा रहा हूं.’ सुमित इसी साल 5 मार्च को पटियाला में इंडियन ग्रां प्री सीरीज 3 में ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा के खिलाफ खेले थे जिसमें वह 66.43 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ सातवें स्थान पर रहे थे जबकि चोपड़ा ने 88.07 मीटर के थ्रो से अपना राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़ा था. टोक्यो ओलिंपिक में नीरज के प्रदर्शन ने ही उन्हें प्रेरित किया था.

Related Articles

Back to top button