महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और विदर्भ में मूसलाधार बारिश, 128 गांवों से संपर्क टूटा
मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) के मराठवाड़ा (Marathwada) और विदर्भ (Vidarbha) में हो रही मूसलाधार बारिश ()की वजह से आई बाढ़ से कम से कम 130 गांव प्रभावित हुए हैं और 200 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजना पड़ा। हालांकि, राहत की बात है कि अबतक कहीं से जानहानि की सूचना नहीं है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पूर्वी महाराष्ट्र के गढ़चिरौली के 128 गांवों से भारी बारिश की वजह से संपर्क टूट गया है। राज्य राहत और पुनर्वास विभाग द्वारा शनिवार को जारी बुलेटिन के मुताबिक गढ़चिरौली के अलावा मराठवाड़ा के हिंगोली और नांदेड़ जिले में भी शुक्रवार और शनिवार को भारी बारिश हुई।
अधिकारियों ने बताया कि हिंगोली जिले के वसमत तालुका में शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे समाप्त हुए 24 घंटों के दौरान 150 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। उन्होंने दिन में बताया कि हिंगोली जिले के दो गांवों और पड़ोसी जिले नांदेड़ के हडगांव गांव, जो आसना नदी के किनारे बसे हैं, के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को हिंगोली के जिलाधिकारी को फोन करके लोगों को निकालने और अन्य प्रकार की सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिये। हिंगोली में पिछले 48 घंटे में भारी बारिश हुई है जिसके कारण आसना नदी में बाढ़ आ गई है और उसका पानी गांव एवं खेतों में घुस गया है। शिंदे इस समय भाजपा नेताओं से मिलने के लिए दिल्ली में हैं।
उन्होंने जिलाधिकारी से कहा, “आपको गांव वालों को सुरक्षित निकालने और अस्थायी आश्रय में स्थानांतरित करने के लिए उचित प्रबंध करना चाहिए। उनके लिए भोजन और पीने के पानी का प्रबंध कीजिये।”विभाग ने बताया कि गढ़चिरौली, हिंगोली और नांदेड़ जिले (शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे समाप्त हुए) पिछले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश की वजह से प्रभावित हुए हैं और इस अवधि में 120 लोगों को एहतियातन सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अधिकारी ने‘ पीटीआई-भाषा’ को बताया, “भारी बारिश की वजह से शुक्रवार रात को हिंगोली जिले से बहने वाली आसना नदी में बाढ़ आ गई। इसकी वजह से वसमत तहसील के निचले इलाके में बसे कुरुंदा और किन्होला गांव बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं।”
अधिकारी ने बताया कि अबतक कम से कम 200 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया हैं, लेकिन नदी के जलस्तर में कमी आने के बाद कुछ लोग वापस अपने घरों को लौट चुके हैं। जिला प्रशासन ने एक विज्ञप्ति में बताया कि शुक्रवार को सुबह आठ बजे समाप्त हुए 24 घंटे के दौरान हिंगोली जिले में 230.70 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई जो वार्षिक औसत वर्षा का 26.84 प्रतिशत है।
विभाग ने बताया कि कोंकण क्षेत्र के परशुराम घाट के नजदीक चिपुलन शहर के पास मुंबई-गोवा राजमार्ग को भूस्खलन की आशंका की वजह से यातायात के लिए बदं कर दिया गया है। तटीय जिले रत्नागिरी में जगबुड़ी और कोदवाली नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है और जिले के पदाधिकारियों ने लोगों से एहतियात बरतने की अपील की है। बुलेटिन के मुताबिक गढ़चिरौली जिले में इतापल्ली से भाम्रागढ़ जाने वाले राज्य उच्चपथ को बाढ़ की वजह से बंद कर दिया गया है। बुलेटिन के अनुसार, “गढ़चिरौली जिले में कम से कम 120 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।”
बयान के मुताबिक हिंगोली जिले के वसमत तहसील के बाढ़ से घिरे खेत में दो लोग फंस गए थे, जिनके बचाव के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीम मौके पर भेजी गई। भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के अधिकारी ने बताया कि मुंबई में शनिवार सुबह से हल्की बारिश हुई, जबकि पुणे के विस्तृत क्षेत्र में बारिश हुई।
उन्होंने ट्वीट किया, “अपराह्न ढाई बजे तक पुणे में गत तीन घंटे में विस्तृत क्षेत्र में बहुत अच्छी बारिश हुई है, लेकिन घाट क्षेत्र वाले शहर के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हुई है। बारिश का सिलसिला दिन में भी जारी रहने का पूर्वानुमान है, क्योंकि सुबह से ही आसमान में हम घने बादलों को देख सकते हैं। मुंबई में हल्की बारिश हुई है।”