नई दिल्ली । देश के दस प्रमुख ट्रेड यूनियनों ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में अपनी बात रखने के लिए उचित समय की कमी का विरोध करते हुए 28 नवंबर को होने वाली उनकी बजट-पूर्व बैठक का बहिष्कार करने की धमकी दी है। एआईटीयू, सीटू, एचएमएस, एलपीएफ और एआईयूटीयूसी जैसे 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा हस्ताक्षरित वित्तमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने प्रत्येक संघ को अपनी बजट मांगों को आगे बढ़ाने के लिए आवंटित तीन मिनट के समय स्लॉट को ‘सस्ता मजाक’ करार दिया है।
बैठक का बहिष्कार करने की धमकी देते हुए यूनियनों ने प्रभावी परामर्श के लिए समय आवंटन पर पुनर्विचार करने की मांग की है। यूनियनों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक आयोजित करने का भी विरोध किया है और वित्त मंत्री के साथ एक भौतिक बैठक की मांग की है।
पत्र में कहा गया है, “आपके ईमेल दिनांक 25.11.2022 के संदर्भ में यह स्पष्ट किया गया है कि प्रत्येक केंद्रीय ट्रेड यूनियन को तीन मिनट के लिए बोलने की अनुमति दी जाएगी। यह एक मजाक है और हम इस तरह के घटिया मजाक का हिस्सा बनने से इनकार करते हैं। हम 28.11.2022 को प्रस्तावित वीडियो कॉन्फ्रेंस में भाग नहीं लेंगे।”
पत्र में लिखा है, “हम आपसे प्रभावी परामर्श के लिए समय-आवंटन पर गंभीरता से पुनर्विचार करने का आग्रह करते हैं और विकल्प में, हम आपको इन नीतियों के बारे में एक खुली सार्वजनिक बहस के लिए अपना निमंत्रण दोहराते हैं, बिना किसी समय की पाबंदी के आप जिन नीतियों का पालन करते रहे हैं उनका बचाव करने के लिए हम इस तरह की बहस के लिए आपकी सहमति की प्रतीक्षा कर रहे हैं।”
सीतारमण 21 नवंबर से विभिन्न क्षेत्रों के साथ बजट पूर्व परामर्श कर रही हैं। 2023-24 का केंद्रीय बजट 1 फरवरी, 2023 को पेश किए जाने की उम्मीद है।