राज्यराष्ट्रीय

ट्रेन हादसाः 40 शवों पर चोट का एक भी निशान नहीं, बिजली का करंट लगने से हो गई मौत

नई दिल्ली : ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण रेल हादसे के बाद मरने वाले कई ऐसे भी लोग हैं जिन्हें कोई बाहरी चोट नहीं आई। रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे एक पुलिस अधिकारी ने कहा है कि कम से कम 40 ऐसे शव निकाले गए हैं जिनको दिखाई देने वाली चोट नहीं आई थी। उन्होंने कहा कि संभव है कि करंट लगने से उनकी मौत हुई है। बताया जा रहा है कि ट्रेन पर ओवरहेड केबल गिर गई जिसके बाद इसमें करंट फैल गया।

जीआरपी के द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया है कि बहुत सारे यात्रियों की मौत टकराव और करंट लगने की वजह से हुई। ट्रेन के ऊपर लो टेंशन लाइन के गिरने से बोगी में करंट फैल गया था। संभव है कि बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस से कोरोमंडल एक्सप्रेस के टकराने के बाद केबल टूट गई हो। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, एक तरफ बहुत सारे ऐसे शव थे जो कि पहचान में ही नहीं आ रहे थे, वहीं करीब 40 शव ऐसे हैं जिनको चोट का कोई निशान नहीं है। एक बूंद खून तक नहीं बहा। माना जा रहा है कि करंट लगने से ही उनकी मौत हुई है।

ईस्ट कोस्ट रेलवे में चीफ ऑपरेशन मैनेजर पद से रिटायर हुए पूर्ण चंद्र मिश्रा ने कहा हो सकता है कि जब केबल बोगी से टच हुई उस समय ये यात्री ऐसी जगह रहे हों जहां करंट फैल गया था। कुछ सेकंड के अंदर ही उनकी मौत हो गई। जीआरपी ने आईपीसी की धारा 304 ए के तहत केस दर्ज किया गया है। यह लापरवाही का केस अज्ञात के खिलाफ दर्ज किया गया है। सीबीआई के आने से पहले डीएसपी रैंक के अधिकारी को इसकी जांच का जिम्मा सौंपा गया है।

कटक के सब डिविजन रेलवे पुलिस अधिकारी रंजीत नायक को यह जांच सौंपी गई है। सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को बताया है कि जॉइंट डायरेक्टर की अगुआई में सीबीआई की टीम मंगलवार को दौरा करेगी। बता दें कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस हादसे में 275 लोगों की मौत हुई है। वहीं 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। सोमवार को अधिकारियों ने कहा कि अभी 101 शवों की पहचान बाकी है। डिविजनल रेलवे मैनेजर ने कहा कि अभी 200 लोगों का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। 1100 लोग घायल हुए थे जिनमें से 900 को डिसचार्ज कर दिया गया है।

Related Articles

Back to top button