उत्तराखंड

उत्तराखंड में खनन राजस्व में रिकॉर्ड तेजी, रंग लाई धामी सरकार की पारदर्शी नीति

अब तक 1025 करोड़ की राजस्व प्राप्ति, सबसे अधिक वसूला गया जुर्माना

दस्तक टाइम्स: उत्तराखंड सरकार को इस साल खनन से रिकॉर्ड 1025 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। राज्य के इतिहास में यह अब तक की सबसे बड़ी राजस्व वसूली है। खनन में पारदर्शिता, सरलीकरण और वसूली में सख्ती से राजस्व में ये वृद्धि देखने को मिली है। ये वृद्धि अवैध खनन, परिवहन और भंडारण पर सख्त कार्रवाई का नतीजा है।

खनन, राजस्व देने वाले प्रमुख विभागों में से एक है। पिछले कई सालों से इससे सरकार को निर्धारित राजस्व प्राप्त नहीं हो पा रहा था। इस वर्ष मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर सरकार ने खनन नीति में व्यापक बदलाव किए। कागजी कार्यवाहियों को सरल बनाया। अवैध खनन परिवहन और भंडारण पर सख्ती बरती गई। खनन विभाग ने अवैध गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण और पारदर्शी प्रणाली को सुनिश्चित करने के लिए नई रणनीति अपनाई। इसके तहत ई-निविदा और ई-नीलामी के माध्यम से कुल 159 खनन पट्टों और 2 सिलीका सैंड पट्टों का आवंटन किया गया।

इन सम्मलित प्रयासों का नतीजा यह निकला कि सरकार को अब तक रिकार्ड 1025 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। गौरतलब है कि राज्य गठन के बाद पहली बार विभाग ने इतना राजस्व अर्जित किया है। वित्तीय वर्ष के अंत तक इस राशि के1100 करोड़ के पार होने की संभावना है। पहली बार अवैध खनन के प्रकरणों पर 74 करोड़ से अधिक का जुर्माना वसूला गया जबकि वर्ष 2020-21 में 2752 प्रकरणों में 18.05 करोड़ का जुर्माना वसूला गया था।

सचिव खनन बीके संत के अनुसार इस वर्ष प्रदेश सरकार ने खनन विभाग के समक्ष 875 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य रखा था। इसके सापेक्ष इस वर्ष अभी तक विभाग 1025 करोड़ का राजस्व अर्जित कर चुका है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अवैध खनन पर प्रभावी रोकथाम के लिए जिला स्तर पर एंटी इलीगल माइनिंग टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इसमें राजस्व विभाग, खनन विभाग, वन विभाग व पुलिस के साथ ही पर्यावरण विशेषज्ञ व ग्राम प्रधान को सदस्य बनाया गया है। राज्य में अवैध खनन, अवैध भंडारण व अवैध परिवहन पर छापेमारी की जाती है। यही कारण है कि इस वर्ष 2176 प्रकरणों में 74.22 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया है। वर्ष 2020-21 में 2752 प्रकरणों में 18.05 करोड़ का जुर्माना वसूला गया था।

2176 प्रकरणों में 74.22 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया।
उन्होंने कहा कि जनसाधारण की शिकायतों के लिए राज्य स्तर पर गठित सीएम हेल्पलाइन 1905 एवं एकीकृत जनता शिकायत निवारण एवं निगरानी व्यवस्था बनाई गई है, जिसमें अवैध खनन से संबंधित शिकायतों का निस्तारण किया जाता है।

राजस्व का बढ़ता ग्राफ

  • 2020-21 में 506.24 करोड़ रुपये
  • 2021-22 में 275.01 करोड़ रुपये
  • 2022-23 में 472.25 करोड़ रुपये
  • 2023-24 में 645.42 करोड़ रुपये
  • 2024-25 में अब तक 1025 करोड़ रुपये

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