नई दिल्ली : वंदे भारत एक्सप्रेस को भारत का भविष्य माना जा रहा है। अब यह एक्सप्रेस आधुनिक सुविधाओं और अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे जैसी बेहतर सुविधाओं के साथ तेजी से देखने को मिल रही है। वंदे भारत एक्सप्रेस ने दुनिया की पहली 7.2-मीटर हाई-राइज ट्रेन सेट की एक और उपलब्धि हासिल कर चुका है।
यह ट्रेन अपने पहले ट्रायल रन के लिए दिल्ली-जयपुर-अजमेर रूट पर उतर चुकी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने ट्विटर हैंडल पर सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन के सफल ट्रायल रन का वीडियो भी शेयर किया है। केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस महीने के दूसरे सप्ताह में कैरिज एंड वैगन मेंटेनेंस डिपो और रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा, “नया वंदे भारत 31 मार्च या अप्रैल के पहले सप्ताह तक लॉन्च किया जाएगा। मैं यहां यह देखने के लिए आया हूं कि वंदे भारत के रखरखाव सही तरीके से हो रहा है या नहीं।”
अगर सब कुछ ठीक रहा तो वंदे भारत एक्सप्रेस अजमेर और नई दिल्ली के बीच जयपुर में पिटस्टॉप के साथ चलेगी। ट्रेन अलवर और गुरुग्राम में भी रुकेगी। शुरुआत में ट्रेन को धीमी गति से चलाया जाएगा और धीरे-धीरे इसकी गति बढ़ाई जाएगी। इसके लगभग तीन घंटे में अपने गंतव्य तक पहुंचने की उम्मीद है। वर्तमान में, दिल्ली और जयपुर के बीच यात्रा करने में चार घंटे से अधिक समय लगता है।
इस एक्सप्रेस ट्रेन के चलने से यात्रा के समय आधा रह जाएगा। जहां पहले चार से पांच घंटे लगा करते थे, वहां यह सफर मात्र दो घंटे में तय कर लिया जाएगा। रूट की वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को पेंटोग्राफ के नए डिजाइन के साथ बनाना पड़ा है, क्योंकि इस रूट पर डबल डेकर चलते हैं, जिसमें बिजली के तार ऊंचे होते हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस के पैंटोग्राफ को खासतौर पर डिजाइन किया गया है।
केंद्रीय रेल मंत्री ने समाचार एजेंसी को बताया कि वंदे भारत एक्सप्रेस के लॉन्च से पहले इसमें कुछ तकनीकी बदलाव करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रेलवे मार्ग पर ट्रेन की गति में सुधार के लिए दो पहलों को लागू करेगा। जिसमें से एक डबल-डिस्टेंस सिग्नलिंग सिस्टम है।
दिल्ली और जयपुर के बीच चलने वाली यह ट्रेन 28 मार्च को इंटीग्रल कोच फैक्ट्री से जयपुर के लिए रवाना हुई थी। ट्रेन के लिए अन्य उपकरणों को अभी असेंबल किया जा रहा है। उम्मीद है कि अप्रैल 2023 तक दिल्ली और जयपुर के बीच इसका परिचालन शुरू कर दिया जाएगा।