रांची : झारखंड में आदिवासियों की जनसंख्या में लगातार हो रही कमी को लेकर झारखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि एक एसआईटी का गठन कर पूरे मामले की जांच की जरूरत है। इसके लिए उन्होंने सरकार को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि साहिबगंज के संथाल क्षेत्रों में कई आदिवासी लड़कियां मुस्लिम लड़कों से शादी कर रही हैं और युवक मुखिया बनकर घूम रहे हैं। अगर इसी तरह से मुस्लिम आबादी बढ़ेगी और आदिवासी आबादी घटेगी तो आदिवासी विधानसभा और लोकसभा दोनों में अपनी जगह खो देंगे।
उन्होंने कहा कि अगर आदिवासियों की आबादी इसी तरह घटती रही तो इसका क्या दुष्परिणाम होगा? क्योंकि कहा कि आदिवासियों को विधानसभा और लोकसभा दोनों में आरक्षण मिला हुआ है और सरकारी सेवाओं में भी उन्हें उनके अनुपात के हिसाब से आरक्षण मिला हुआ है। अगर आदिवासियों की आबादी इसी तरह घटती रही तो उनकी लोकसभा और विधानसभा की सीटें भी उसी हिसाब से कम होती जाएंगी। इसके अलावा, सरकारी सेवाओं में उपलब्ध नौकरियों में सीटें कम हो जाएंगी।
झारखंड में जमीन लूट को लेकर पूर्व सीएम ने कहा कि सरकार के संरक्षण में जमीनों की लूट हो रही है और जो जमीन बिक्री योग्य नहीं है, उसकी भी लूट हो रही है। हाल ही में झारखंड के मौजूदा सीएम इसी जमीन लूट मामले में जेल गए थे। कोई भी देख सकता है कि उन्होंने किस तरह गैर बिक्री योग्य जमीन पर चारदीवारी बनवा दी। उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता चाहती है कि जमीन लूटने वालों के खिलाफ जांच हो, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सभी जानते हैं कि हेमंत सोरेन की सरकार झारखंड में जमीन दलालों को संरक्षण देती है।
आपको बता दें कि पिछले कई महीनों से झारखंड में जल, जंगल और जमीन की लूट को लेकर काफी विवाद चल रहा है। जनवरी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने गिरफ्तार किया था। तब से इस मामले की जांच चल रही है। उसके बाद इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को भी बीजेपी ने चेतावनी दी थी कि झारखंड में लूट बंद होनी चाहिए। अब बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री जल, जंगल और जमीन की लूट को नजरअंदाज कर चुप रहेंगे तो उन्हें फिर से जेल जाने के लिए तैयार रहना चाहिए।
पिछले कुछ सालों से साहिबगंज संथाल परगना में आदिवासी लड़कियों के साथ मुस्लिम युवकों के प्रेम संबंध, बलात्कार और प्रेम विवाह के मामले सामने आ रहे हैं। कई ऐसे प्रेम विवाह सामने आए हैं, जिसमें मुस्लिम युवकों ने शादी के बाद आदिवासी लड़कियों को चुनाव लड़ाने में मदद की और उन्हें चुनाव जिताकर सत्ता पर काबिज भी कराया। साहिबगंज के बोरियो इलाके में पिछले एक साल में करीब सौ मुस्लिम युवकों ने आदिवासी लड़कियों से प्रेम विवाह किया है।