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शिक्षक भर्ती घोटाले से परेशान बंगाल सरकार ने नेताओं के प्रभाव से मुक्त नई भर्तियां करने को तैयार

कोलकाता : राज्य में शिक्षक भर्ती घोटाले से तिलमिलाए और उससे सबक लेते हुए पश्चिम बंगाल सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में निष्पक्ष तरीके से और पार्टी के नेताओं, विधायकों, सांसदों और मंत्रियों के प्रभाव के बिना भेदभाव रहित तरीके से संविदा भर्ती के लिए तैयार है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश के अनुसार संविदा डॉक्टरों, नसिर्ंग सहायकों व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के चयन के लिए गठित विभिन्न जिला स्तरीय चयन समितियों के अध्यक्षों या सदस्यों के पदों से ऐसे सभी राजनेताओं और जनप्रतिनिधियों के नाम हटा दिए गए हैं।

इसके बजाय राज्य के स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने कहा कि संबंधित जिला मजिस्ट्रेट ऐसी प्रत्येक जिला स्तरीय चयन समिति का नेतृत्व करेंगे। समिति के अन्य सदस्य उस जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (स्वास्थ्य), चिकित्सा अधीक्षक-सह-उप-प्राचार्य, संबंधित जिले के मेडिकल कॉलेज और अस्पताल और एक स्वतंत्र स्वास्थ्य विशेषज्ञ होंगे।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने कहा कि अगले कुछ महीनों में राज्य में विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और पॉलीक्लिनिकों के लिए डॉक्टरों, नसिर्ंग सहायकों, स्वास्थ्य कर्मियों और प्रयोगशाला सहायकों के पदों के लिए कई संविदा भर्ती होंगी।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, मुख्यमंत्री चाहती हैं कि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से शिकायतों और पक्षपात के आरोपों से मुक्त हो। इसलिए उनके निर्देश के अनुसार मंत्री और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को प्रक्रिया से दूर रखते हुए जिला स्तरीय स्क्रीनिंग चयन समितियों के गठन को पूरी तरह से बदल दिया गया है।

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