ट्रंप ने G-20 समिट का किया बायकॉट, आखिर साउथ अफ्रीका से क्यों नाराज है अमेरिका?

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि इस साल दक्षिण अफ्रीका में होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन में अमेरिका का कोई भी सरकारी अधिकारी हिस्सा नहीं लेगा। यह फैसला न सिर्फ कूटनीतिक रूप से बड़ा है, बल्कि दोनों देशों के रिश्तों में बढ़ते तनाव को भी उजागर करता है।
ट्रंप ने समिट का बहिष्कार क्यों किया?
ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट पर कहा कि दक्षिण अफ्रीका में कहा, श्वेत किसानों पर हिंसा,जमीनों पर कब्जा,हमले और हत्याएं जैसी घटनाएं हो रही हैं और यह “पूर्णतः अस्वीकार्य” है। ट्रंप के मुताबिक ऐसे हालात में G-20 का आयोजन दक्षिण अफ्रीका में होना “शर्मनाक” है।
क्या असल में हो रहा है दक्षिण अफ्रीका में?
ट्रंप प्रशासन कई वर्षों से दक्षिण अफ्रीकी सरकार पर आरोप लगा रहा है कि अल्पसंख्यक श्वेत अफ्रीकी किसानों के खिलाफ हमलों, हत्याओं और जमीन कब्जाने की घटनाओं को सरकार नजरअंदाज कर रही है। हालांकि दक्षिण अफ्रीकी सरकार इन आरोपों को “पूर्णतः गलत” और “राजनीतिक प्रचार” बता चुकी है।
दक्षिण अफ्रीका की प्रतिक्रिया
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने साफ किया कि ट्रंप को दिए गए तथ्य गलत हैं। श्वेत लोगों का औसत जीवन स्तर देश में अभी भी आबादी के बड़े हिस्से से बेहतर है और भेदभाव के आरोप “आधारहीन” हैं। उनका कहना है कि ट्रंप जानबूझकर दक्षिण अफ्रीका की छवि खराब कर रहे हैं।
अमेरिका की नीति में श्वेत अफ्रीकी किसानों का मुद्दा
ट्रंप प्रशासन ने कई बार संकेत दिया है कि दक्षिण अफ्रीका में श्वेत किसानों पर अत्याचार के कारण वे अमेरिका में शरण लेने के योग्य माने जा सकते हैं। हालांकि यह विरोधाभासी है क्योंकि ट्रंप प्रशासन ने कुल शरणार्थियों की संख्या में भारी कटौती की लेकिन कुछ अधिकारियों ने माना कि “श्वेत दक्षिण अफ्रीकियों को विशेष सुरक्षा मिलनी चाहिए”। इस बात ने दक्षिण अफ्रीका में नाराजगी और बढ़ाई।
ट्रंप पहले भी दे चुके हैं विवादास्पद बयान
यह कोई पहली बार नहीं है। साल 2018 में भी ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका में “land seizure” (भूमि कब्जा) और किसानों पर “large scale killing” का दावा किया था जिसके बाद दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका से स्पष्टीकरण मांगा था।
कूटनीतिक मोर्चे पर बढ़ा तनाव
ट्रंप ने इस सप्ताह मियामी में कहा, “दक्षिण अफ्रीका को G-20 से बाहर कर देना चाहिए।” इसी साल की शुरुआत में विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने G-20 विदेश मंत्रियों की बैठक का बहिष्कार किया था, कारण बताया गया कि बैठक का फोकस “diversity, inclusion, climate change” पर अधिक था। अमेरिका के ये कदम लगातार दर्शाते हैं कि वाशिंगटन और प्रिटोरिया के बीच संबंध बिगड़ रहे हैं।



