ट्रंप ने इन देशों पर चलाया 30 फीसद टैरिफ वाला चाबुक; भारत को अभी राहत; लिस्ट में शामिल नहीं नाम

New Delhi: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से अलग-अलग देशों को आयात शुल्क (टैरिफ) बढ़ाने को लेकर भेजे जा रहे पत्रों की सूची में अब तक भारत का नाम शामिल नहीं किया गया है। यह खबर ऐसे समय आई है जब भारत और अमेरिका के बीच एक व्यापक व्यापार समझौते को लेकर बातचीत चल रही है।
क्या है शुल्क पत्रों का मामला?
बीते सप्ताह ट्रंप प्रशासन ने 20 से अधिक देशों को टैरिफ में बढ़ोतरी के इरादे से पत्र भेजे हैं। ये पत्र उन देशों को संबोधित हैं, जिनके साथ अमेरिका का व्यापार घाटा है या फिर जिनकी नीतियाँ अमेरिका को अनुचित लगती हैं।
- मंगलवार को ट्रंप प्रशासन ने 14 देशों को पत्र भेजे थे।
- बुधवार को यह संख्या और बढ़ी जब 6 और देशों – अल्जीरिया, ब्रुनेई, इराक, लीबिया, मोल्दोवा और फिलीपींस – को टैरिफ वृद्धि की सूचना दी गई।और ये भी पढ़े
इन पत्रों में स्पष्ट किया गया है कि 1 अगस्त 2025 से इन देशों के उत्पादों पर नया सीमा शुल्क लागू किया जाएगा।
भारत पर क्या असर?
भारत को लेकर एक अप्रैल 2025 को अतिरिक्त 26% टैरिफ लगाने की घोषणा की गई थी। हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने इसे पहले 9 जुलाई तक स्थगित किया और अब इसे 1 अगस्त 2025 तक टाल दिया गया है।
इसका मतलब यह है कि:
- फिलहाल भारत के लिए 10% मूल टैरिफ ही लागू रहेगा।
- अतिरिक्त 26% शुल्क फिलहाल प्रभावी नहीं है।
यह कदम भारतीय निर्यातकों के लिए राहतभरा माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब अमेरिका भारत के साथ रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने की बात कर रहा है।
व्यापार समझौते की पृष्ठभूमि
भारत और अमेरिका के बीच बीते कुछ वर्षों में कई व्यापारिक मुद्दों पर मतभेद उभरे हैं:
- इलेक्ट्रॉनिक्स और चिकित्सा उपकरणों पर मूल्य नियंत्रण
- डिजिटल व्यापार और डेटा के स्थानीयकरण पर नीति
- कृषि निर्यात, डेयरी उत्पाद और स्टील-एल्यूमिनियम पर शुल्क
हालांकि, दोनों देशों ने कई मौकों पर यह संकेत दिया है कि वे एक सीमित व्यापार समझौते के माध्यम से इन मतभेदों को सुलझाने के इच्छुक हैं।
किन देशों को मिला टैरिफ पत्र?
अभी तक जिन देशों को शुल्क वृद्धि के लिए पत्र भेजे गए हैं, उनमें ये प्रमुख हैं:
- एशियाई देश: बांग्लादेश, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, थाईलैंड, कंबोडिया, लाओस
- अफ्रीकी देश: दक्षिण अफ्रीका, ट्यूनीशिया
- अन्य: बोस्निया एवं हर्जेगोविना, सर्बिया, कजाकिस्तान, अल्जीरिया, इराक, लीबिया, ब्रुनेई, मोल्दोवा, फिलीपींस