तुर्की ने 10 विदेशी राजदूतों को हटाया, कैदी को रिहा करने की मांग की थी
नई दिल्ली: तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने शनिवार को कहा कि उन्होंने 10 विदेशी राजदूतों को Persona non grata यानी अस्वीकार्य व्यक्ति घोषित करने का आदेश दिया है. इनमें अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी समेत 10 देशों के राजदूत शामिल हैं. इन राजदूतों ने तुर्की की जेल में बंद एक समाजसेवी को रिहा करने की मांग की थी.
जानकारी के अनुसार अंकारा में अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी समेत दस देशों के राजदूतों ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक बयान जारी कर कारोबारी और समाजसेवी उस्मान कवाला को रिहा करने की अपील की थी. उस्मान को एक अपराध के मामले में दोषी करार दिए बगैर 2017 से जेल में डाल दिया गया. तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने राजदूतों के बयान को दुस्साहसपूर्ण बताते हुए कहा कि उन्होंने राजदूतों को Persona non grata घोषित कर दिया है.
राष्ट्रपति ने एक रैली में कहा, ‘मैंने अपने विदेश मंत्री को निर्देश दिया और कहा कि इन 10 राजदूतों को Persona non grata घोषित करने का मुद्दा तत्काल संभालें.’ एर्दोआन ने कहा, ये लोग तुर्की को पहचानेंगे, जानेंगे और समझेंगे. अगर वे तुर्की को नहीं समझेंगे तो उन्हें यहां से जाना पड़ेगा.’
तुर्की ने जिन राजदूतों को बाहर किया है उनमें नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्क, स्वीडन, फिनलैंड, नॉर्वे और न्यूजीलैंड के राजनयिक भी शामिल हैं. उन्हें मंगलवार को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया था. बता दें किसी राजनयिक को ‘पर्सोन नॉन ग्रेटा’घोषित करने का मतलब होता है कि उस राजनयिक को मेजबान देश ने अपने यहां रहने से प्रतिबंधित कर दिया है.