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सीमा पर बीएसएफ और तस्करों की मुठभेड़ में दो की मौत, गरमाई सियासत

कोलकाता: केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के बंगाल दौरे से ठीक पहले बीएसएफ की गोलियों से दो लोगों की मौत के बाद राज्य में सियासत तेज हो गई है। इस मुठभेड़ की निंदा करने के साथ तृणमूल ने बीएसएफ पर गंभीर आरोप लगाए। इसी बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने का निर्णय लिया है।

कूचबिहार जिले में गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात 2:30 बजे के करीब सीमा पर मवेशियों की तस्करी कर रहे तस्करों ने बीएसएफ जवानों पर हमला कर दिया था। बीएसएफ के जवानों ने अपने बचाव के लिए फायरिंग की। इस फायरिंग में दो लोगों की मौत हुई है। इस घटना को लेकर जिले के दिनहाटा से नवनिर्वाचित तृणमूल विधायक उदयन गुहा ने बीएसएफ पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि सीमा पर तस्करी बीएसएफ अधिकारियों की मिलीभगत से ही होती है। जो तस्कर रुपये नहीं देते हैं, उन्हें गोली मार दी जाती है और हमले के झूठे दावे किए जाते हैं। उन्होंने कहा है कि बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने से यही होगा कि उन्हें और अधिक अंदर तक घुस कर वसूली का मौका मिलेगा।

उधर, बीएसएफ की ओर से राष्ट्रीय प्रवक्ता कृष्णा राव ने एक बयान जारी कर बताया है कि मवेशियों को अवैध तरीके से सीमा पार करने की कोशिश कर रहे तस्करों को रोकने वाले बीएसएफ जवानों पर जानलेवा हमला किया गया था। जान बचाने के लिए अधिकारियों ने हवा में फायरिंग की थी।

इधर, पश्चिम बंगाल सरकार ने बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के खिलाफ पंजाब की तरह राज्य विधानसभा में भी प्रस्ताव पारित करने का निर्णय लिया है। शुक्रवार को विधानसभा में बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक के बाद मुख्य सचेतक निर्मल घोष ने बताया कि 17 नवंबर को विधानसभा में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने संबंधी केन्द्र सरकार के आदेश के खिलाफ प्रस्ताव पर चर्चा होगी फिर इसे पारित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीमा से 50 किलोमीटर अंदर तक बीएसएस को कार्रवाई का अधिकार देकर केंद्र सरकार ने संघवाद की मूल भावना पर चोट किया है। इसके खिलाफ ठोस संदेश देना जरूरी है।

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