अन्तर्राष्ट्रीय

UAE के रियल एस्टेट धंधे में भारतीयों का दबदबा, पाकिस्तानी पिछड़े

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में भारत की सॉफ्ट डिप्लोमेसी यानी उदार कूटनीति रंग लाने लगी है। मोदी सरकार की इसी कूटनीति का नतीजा है कि दोनों देशों के बीच व्यापार और आतंकवाद पर कई अहम और सामरिक लिहाज से अति महत्वपूर्ण करार हुए हैं। लेकिन इसके इतर यूएई केरियल एस्टेट में भी भारतीयों ने पाकिस्तान समेत कई देशों के मुकाबले बाजी मार ली है। पाकिस्तान की सरपरस्ती वाले दाऊद जैसे अंडरवर्ल्ड के धंधेबाजों ने यूएई से बोरिया बिस्तर समेटना शुरू कर दिया है।

यूएई ने 35 संदिग्धों, अपराधियों को किया निर्वासित

सूत्रों ने बताया कि दुबई समते पूरे यूएई में काम करने वाले भारतीयों ने लंबे समय की निष्ठा से ऐसा माहौल बना लिया है कि वहां की सरकार इन्हें दूसरे देशों यहां तक कि पाकिस्तानियों के मुकाबले ज्यादा तवज्जो दे रही है। वहां के रियल एस्टेट के धंधे से पाकिस्तानियों के भागने की सबसे बड़ी वजह है यूएई सरकार की वैश्विक पारदर्शिता नीति।

इस नीति के तहत यूएई निवेश और निवेश करने वालों की जानकारी निवेशकों के देशों को देगा। सूत्रों के मुताबिक इसके अलावा पाकिस्तानियों के मुकाबले वहां की सरकार भारतीयों पर ज्यादा भरोसा कर रही है। सूत्रों ने बताया कि रियल स्टेट में दाऊद जैसे धंधा करने वालों और अंडरवर्ल्ड से जुड़ी कंपनियों को गहरा चोट पहुंचा है।

संयुक्त अरब अमीरात ने पिछले दो साल में 35 ऐसे लोगों को निर्वासित कर भारत भेजा है जो या तो अपराधी हैं या किसी संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त हैं। सरकार इसे दोनों देशों के बीच गहराते रिश्ते का नतीजा मान रही है। सूत्रों ने बताया कि करार के तहत यहां से जाने वाले युवकों की गतिविधियों पर वहां की सरकार पैनी नजर रखती है। धार्मिक कट्टरवाद और भारत विरोधी हरकतों के प्रति भी यूएई की एजेंसियां काफी गंभीर हैं। र्यूएई ने भारत को भरोसा दिया है कि वहां की जमीन की इस्तेमाल किसी भी सूरत में भारत विरोधी हरकतों के लिए नहीं होने दिया जाएगा।

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