उत्तराखंडराजनीति

उत्तराखंड में यूसीसी तो शुरुआत है, अभी बाकी असम और गुजरात हैं

दस्तक टाइम्स, देहरादून। उत्तराखंड ऐतिहासिक समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक को विधानसभा में पारित करने वाला पहला राज्य बन गया है। इसी के साथ भाजपा का दशकों पुराना सपना भी साकार हो गया है। मगर, अब उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के बाद भाजपा अपने अन्य राज्यों में भी यूसीसी को लागू करने जा रही है। इस कड़ी में असम और गुजरात में राज्य सरकार ने विधानसभा में यूसीसी विधेयक लाने की तैयारी कर ली है। अब अगले कुछ दिनों के भीतर इन दो राज्यों की विधानसभा में भी विधेयक पारित होने की उम्मीद है।

उत्तराखंड में जल्द लागू होगा यूसीसी

दरअसल, उत्तराखंड में 7 फरवरी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी विधेयक को विधानसभा से पारित करवाकर इतिहास रच दिया है। इस विधेयक को अब राष्ट्रपति व राज्यपाल के पास भेजा जा रहा है, मंजूरी मिलते ही यह कानून का रूप ले लेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही कह चुके हैं कि यूसीसी को लागू करने में अब सरकार जरा भी देरी नहीं करना चाहती। ऐसा माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले है उत्तराखंड में यूसीसी लागू हो जाएगा।

उत्तराखंड से मिलता-जुलता होगा असम, गुजरात का कानून

वहीं, अब उत्तराखंड के रूप में भाजपा ने यूसीसी को राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में ला दिया है। उत्तराखंड के बाद असम व गुजरात में भी यूसीसी को लागू किया जाएगा। इसके लिए वहां की सरकारों ने उत्तराखंड के विधेयक की मदद से ड्राफ्ट तैयार किया है, इसमें स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप कुछ बदलाव भी किए जा रहे हैं।

लोकसभा चुनाव बड़ा मुद्दा बनेगा यूसीसी

भाजपा का प्रयास है कि इन असम व गुजरात में भी चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले यूसीसी को लागू कर दिया जाए। इससे यह तो साफ है कि भाजपा इस ऐतिहासिक उपलब्धि को लोकसभा चुनाव में भुनाने की तैयारी में है। इसका पार्टी को लाभ मिलने की भी उम्मीद है।

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