मुंबई : शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की सियासी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक तरफ एकनाथ शिंदे ने बगावत करके उन्हें सरकार से बेदखल किया और खुद भाजपा का समर्थन मिलने से मुख्यमंत्री बन गए तो वहीं अब उनके चचेरे भाई राज ठाकरे भी टेंशन बढ़ा रहे हैं। लंबे अरसे शांत बैठे राज ठाकरे ने अचानक गतिविधियां बढ़ा दी हैं और बीएमसी चुनाव में उनकी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना एक बड़े प्लेयर के रूप में दिख सकती है। एक तरफ मजबूत भाजपा, दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे की बगावत और तीसरे राज ठाकरे की सक्रियता ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना को सियासी रण में चौतरफा घेर लिया है।
राज ठाकरे के पैर की सर्जरी पिछले दिनों हुई थी और तब से वह आराम कर रहे थे। लंबे अरसे बाद वह फिर से ऐक्टिव हुए हैं, जिसे देवेंद्र फडणवीस से उनकी मुलाकात से भी जोड़ा जा रहा है। बीते सप्ताह देवेंद्र फडणवीस राज ठाकरे के घर शिवतीर्थ पहुंचे थे और उनसे मुलाकात की थी। उसके बाद से ही वह ऐक्टिव हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि देवेंद्र फडणवीस से उनकी बीएमसी चुनाव को लेकर बात हुई थी। राज ठाकरे अब मुंबई में मनसे पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की विधानसभा क्षेत्रवार बैठक करने जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह मुंबई नगर निगम के आगामी चुनाव की तैयारी है। इसलिए इन बैठकों में संबंधित क्षेत्रों के पार्षद पद के इच्छुक उम्मीदवार भी शामिल होंगे।
समझा जा रहा है कि इस बैठक में राज ठाकरे मुंबई नगर निगम चुनाव की रणनीति तय करेंगे। एकनाथ शिंदे की बगावत ने शिवसेना को पहले से कमजोर किया है। यह स्थिति महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के लिए राजनीतिक तौर पर सुनहरा मौका हो सकती है। विधायकों, सांसदों, पार्षदों और पदाधिकारियों के बंटवारे से आगामी नगर निकाय चुनाव में शिवसेना की ताकत कमजोर हुई है। ऐसे में बड़े मुकाम की तलाश में जुटी मनसे पार्टी नगर निगम चुनाव में कुछ हासिल कर सकती है। यही वजह है कि राज ठाकरे की बैठकों पर सियासी दलों की नजर है।
पिछले हफ्ते देवेंद्र फडणवीस ‘शिवतीर्थ’ गए थे और राज ठाकरे से मिले थे। इस बार दोनों नेताओं के बीच दो घंटे तक चर्चा हुई। इसके दो दिन बाद ही राज ठाकरे सक्रिय हो गए हैं। ऐसे में संभावना है कि आगामी नगर निकाय चुनाव को लेकर फडणवीस और राज ठाकरे के बीच कुछ चर्चा हुई हो। बता दें कि राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे को महाराष्ट्र कैबिनेट में जगह दिए जाने के कयास भी लगाए जाते रहे हैं।