नई दिल्ली: 20 जुलाई से शुरू होने जा रहे संसद के मानसून सत्र को सुचारू ढंग से चलाने के लिए सरकार ने सत्र शुरू होने से एक दिन पहले 19 जुलाई को यानि आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है। हालांकि बैठक से पहले ही शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने लोक सभा में अपने नेता को नहीं बुलाए जाने पर विरोध जताते हुए लोक सभा अध्यक्ष के सामने विरोध जताने की बात कही है।
आईएएनएस के साथ बातचीत करते हुए लोक सभा में शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता विनायक राउत ने कहा कि सरकार ने आज की सर्वदलीय बैठक में दोनों सदनों के फ्लोर लीडर्स को बुलाया है। इस नाते उन्होंने राज्य सभा में उनके नेता संजय राउत को तो बुलाया है लेकिन उन्हें लोक सभा में फ्लोर लीडर के तौर पर नहीं बुलाया है जबकि वे पहले ही लोक सभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर अपने धड़े को अलग पार्टी के रूप में मान्यता देकर नया ऑफिस अलॉट करने और अलग से बैठने की व्यवस्था देने की मांग कर चुके हैं। विनायक राउत ने आगे कहा कि वे अपनी मांग को लेकर फिर से लोक सभा अध्यक्ष को पत्र लिखेंगे और गुरुवार को उनसे मिलकर भी विरोध दर्ज कराएंगे।
आपको बता दें कि सरकार ने संसद के दोनों सदनों — लोक सभा और राज्य सभा — में सभी राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स को इस सर्वदलीय बैठक के लिए आमंत्रित किया है। संसद के मानसून सत्र को सुचारू ढंग से चलाने के लिए सरकार की तरफ से इस सर्वदलीय बैठक में सभी राजनीतिक दलों से सहयोग मांगा जाएगा वहीं विपक्षी दल भी अपने-अपने मुद्दों के बारे सरकार को बताएंगे जिन पर वो सदन में चर्चा कराना चाहते हैं।
संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होगा और 11 अगस्त तक चलेगा। 23 दिनों तक चलने वाले इस मानसून सत्र में कुल 17 बैठकें होंगी। अगले वर्ष होने वाले लोक सभा चुनाव के मद्देनजर यह माना जा रहा है कि संसद का मानसून सत्र काफी हंगामेदार रह सकता है।
इससे पहले विपक्षी दल भी पटना और बेंगलुरू में बड़ी बैठक कर गोलबंदी कर चुके हैं तो वहीं सरकार भी एनडीए गठबंधन को मजबूत कर पलटवार की तैयारी कर चुकी है। सत्ता पक्ष और विपक्ष की जोरदार तैयारी का असर संसद सत्र के दौरान दोनों सदनों, खासकर राज्य सभा की कार्यवाही पर पड़ना तय माना जा रहा है।
सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक दोपहर बाद संसद भवन परिसर में होगी। इसके बाद संसद सत्र की रणनीति तैयार करने के लिए भाजपा ने अलग से आज शाम संसद भवन परिसर में ही एनडीए की बैठक भी बुलाई है।