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SC से उद्धव ठाकरे को फिर झटका, फ्लोर टेस्ट पर रोक नहीं ,बागी भी कर पाएंगे वोट

मुंबई : यदि कोई सोच रहा है कि एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद महाराष्ट्र का सियासी घमासान खत्म हो गया है तो जरा ठहरिए। पिक्चर अभी बाकी है। ताजा खबर यह है कि शिंदे समर्थक शिवसेना के 16 विधायकों की अयोग्यता के मुद्दे पर महाविकास आघाड़ी सरकार (MVA) ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार सुबह 10.30 बजे सुनवाई की। हालांकि यहां भी उद्धव ठाकरे गुट को झटका लगा। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की तत्काल सुनवाई से इन्कार कर दिया। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि जो हो रहा है, वो होने दीजिए। पूरे घटनाक्रम पर हमारी भी नजर है। इस मामले में 11 जुलाई को होने वाली सुनवाई में सभी पक्ष अपना रुक रखें।

फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि वह इसपर 11 जुलाई को ही सुनवाई करेगी. तब महाराष्ट्र से संबंधित बाकी अर्जियों पर सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका शिवसेना के चीफ व्हिप सुनील प्रभु ने लगाई थी.

उद्धव खेमे ने कहा था कि जब तक सुप्रीम कोर्ट विधायकों की अयोग्यता पर फैसला ना दे तब तक विधानसभा में नई सरकार के बहुमत परीक्षण पर रोक लगाई जाए. सुनील प्रभु ने सुप्रीम कोर्ट के पिछले सोमवार को दिए आदेश की दुहाई दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई तक यथा स्थिति बहाल रखने को कहा था लेकिन वहां नई सरकार ने शपथ भी ले ली है.

उद्धव गुट ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को इसपर सुनवाई करनी चाहिए ताकि संविधान की दसवीं अनुसूची प्रभाव में बनी रहे और उसका उल्लंघन ना हो. आरोप लगाया गया है कि डिप्टी स्पीकर को इस वत्त असहाय कर दिया गया है. बता दें कि डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने ही 16 बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही की शुरुआत करते हुए नोटिस भेजा था. बाद में शिंदे गुट के विधायकों ने डिप्टी स्पीकर पर भेदभाव करने का आरोप लगाया था.

सुप्रीम कोर्ट में बागी विधायकों ने उसे चुनौती दी और कहा कि अयोग्यता की कार्यवाही तो डिप्टी स्पीकर के खिलाफ होनी चाहिए क्योंकि विधायकों ने उनको हटाने का नोटिस पहले से दे रखा है. जो डिप्टी स्पीकर खुद अयोग्यता के रडार पर है वो किसी विधायक की योग्यता निर्धारित नहीं कर सकता. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर को ही नोटिस देकर इसपर जवाब मांगा.

इस बीच महाराष्ट्र विधानसभा का सत्र भी एक दिन के लिए टल गया है। अब 3 और 4 जुलाई को विधानसभा का स्पेशल सेशन होगा। पहले दिन विधानसभा के स्पीकर का चुनाव कराया जाएगा और फिर अगले दिन यानी 4 जुलाई को शिंदे की सरकार बहुमत साबित करेगी। कोर्ट की ओर से 11 जुलाई को ही सुनवाई किए जाने से साफ है कि अब एकनाथ शिंदे सरकार आसानी से बहुमत साबित कर सकेगी।

बता दें कि कल ही एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के सीएम के रूप में शपथ ली है. बागी विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाई है. वहीं देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाया गया है.

महाराष्ट्र में सरकार बनाने के बाद अभी बहुमत का इम्तिहान बाकी है. शिंदे ने दो दिन का विधानसभा सत्र बुलाया है जो कि कल से शुरू होगा. फिलहाल शिंदे गोवा पहुंच चुके हैं. वहां से वह बागी विधायकों को लेकर मुंबई लौटेंगे.

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