यूक्रेन का गेहूं बिकने लगा, लेकिन अगली फसल का क्या? टला नहीं है भुखमरी का संकट
कीव : यूक्रेन पर रूसी अटैक न केवल यूक्रेनी लोगों को बल्कि दुनियाभर के गरीब देशों को भी बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। यूक्रेन युद्ध को 6 महीने से ज्यादा हो गए हैं लेकिन अभी तक इसके खत्म होने के आसार नजर नहीं आ रहे। युद्ध का बुरा असर यूक्रेन के निर्यात पर भी पड़ा है। हालांकि अच्छी खबर यह है कि यूक्रेन का महत्वपूर्ण अनाज अपने बंदरगाहों से अब बाहर के देशों में फिर से जाने लगा है। लेकिन बुरी खबर यह है कि युद्ध के कारण यूक्रेन की कृषि योग्य भूमि नष्ट हो गई है और कमजोर स्थानीय कीमतें इसकी अगली गेहूं की फसल को खतरे में डाल रही हैं। यूक्रेन दुनिया के शीर्ष गेहूं उत्पादक देशों में से एक है। इसलिए अगर इसके गेहूं उत्पादन पर असर पड़ा तो इसका मतलब होगा कि वैश्विक आपूर्ति भी अगले साल तंग रह सकती है। जिसका मतलब होगा कि विश्व खाद्य कीमतें फिर से उछाल पकड़ेंगी।
यूक्रेन में 2023 के लिए फसल की बुवाई इस समय के आसपास शुरू हो जानी चाहिए थी। हालाकि ये अभी भी शुरुआती दिन हैं, लेकिन यूक्रेनी एग्रीबिजनेस क्लब ने बताया कि आक्रमण के कारण पिछले साल का लगभग एक तिहाई गेहूं क्षेत्र खत्म हो गया है। इसने चेतावनी दी कि अगर बिक्री धीमी रही तो किसान बुवाई में कमी कर सकते हैं। इसने कहा कि देश का कृषि योग्य क्षेत्र घट गया है।
क्लब की उपाध्यक्ष कतेरीना रायबाचेंको ने कहा, “घरेलू कीमतों में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, लेकिन तेजी से नहीं हो रहा है। लॉजिस्टिक अभी भी बहुत मुश्किल दौर में है, और बंदरगाहों से तो अभी पिछले साल की फसल ही नहीं जा पाई है।” यूक्रेन जितना भी गेहूं पैदा करता है उनमें अधिकांश में सर्दियों की किस्में होती हैं, जो अभी से बोई जाती हैं और फिर सबसे ठंडे महीनों के दौरान आराम से उगती रहती हैं। पश्चिमी सीमा के पास के किसान जो युद्ध क्षेत्र से सबसे दूर हैं, वे सामान्य रूप से काम कर रहे हैं, लेकिन पूर्वी सीमा की स्थिति अधिक कठिन है।
उदाहरण के लिए एग्रो-रीजन को ही ले लीजिए जोकि एक प्रमुख गेहूं का क्षेत्र है। रायबाचेंको ने कहा कि वहां का कृषि व्यवसाय लगभग 10% से 15% तक सिकुड़ सकता है। कुछ प्रमुख बंदरगाहों से निर्यात को फिर से शुरू करने का दावा किया जा रहा है। यह यूक्रेन के अनाज की बिक्री में मदद कर रहा है जिसे आम तौर पर अफ्रीका, यूरोप और एशिया के देशों में भेजा जाता है। यूक्रेन का अनाज निर्यात किसानों की आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन फिर भी यह पिछले साल की गति से आधा ही है। इसलिए व्यापारियों को स्थानीय कीमतों को कम रखते हुए अपनी फसल बेचनी पड़ रही है और इसी को ध्यान में रखते हुए वे अगले साल की फसल तैयार करेंगे।
ऐसा भी हो सकता है कि यूक्रेन के किसान अब गेहूं से हटकर तिलहन जैसी अधिक आकर्षक फसलों पर स्विच करें। ऑलेक्जेंडर पेरेटियात्को ने कहा कि वोलिन क्षेत्र में जहां वह खेती करते हैं, वह पिछले साल की तुलना में शीतकालीन-गेहूं की बुवाई में 10% से 15% की कटौती करेगा, जबकि रेपसीड और सूरजमुखी की फसल को बढ़ाएगा। रूसी सेना के कब्जे वाले क्षेत्रों में भी बुवाई खतरे में है। यूक्रेन का गेहूं क्षेत्र आमतौर पर दक्षिण और पूर्व में केंद्रित रहा है, जहां लड़ाई चल रही है।