रूसी कब्जा छुड़ाकर आपूर्ति लाइन पहुंच रहे यूक्रेनी सैनिक, जेलेंस्की ने किया बड़ा दावा
कीव : रूस की अग्रिम पंक्ति के एक हिस्से के पतन के बाद युद्ध में शुरुआती हफ्तों के बाद सबसे नाटकीय बदलाव आया है। यूक्रेनी सैनिकों द्वारा करीब 1,000 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र रूसी बलों से छुड़ाने के बाद वे पूर्व में रूस की सेना को साजो-सामान पहुंचाने वाले मुख्य रेलवे स्टेशन के पास बढ़ रहे हैं। उधर, राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि उनके सैनिकों ने दर्जनों बस्तियों को मुक्त करा लिया है और अब वे रूसी आपूर्ति लाइनों को रोकेंगे।
एक वीडियो संबोधन में जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन ने पिछले सप्ताह पूर्व में खारकीव और दक्षिण में खेरसॉन के 1,000 वर्ग किमी (385 वर्ग मील) से अधिक क्षेत्र को रूसी कब्जे से मुक्त करा चुके हैं। उनके सैनिकों ने पूर्वी शहर बलाक्लिया पर भी नियंत्रण कर लिया है। यूक्रेनी सेना ने कहा, वह इस मोर्चे से करीब 50 किमी आगे बढ़ चुके हैं जिससे रूसी सेना भी हैरत में है।
उधर, यूक्रेन द्वारा खारकीव मोर्चे पर सफलता के एलान के 24 घंटे बाद भी रूस ने कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है। जबकि यूक्रेन ने समाचार वेबसाइटों पर बख्तरबंद वाहनों से सैनिकों की जयकार करते हुए तस्वीरें दिखाई हैं। इन इलाकों में कुछ समय पूर्व रूसी सेना ने कब्जा जमाया था। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने प्राग में इन नतीजों को उत्साहजनक बताया।
यूक्रेन के जनरल स्टाफ ने कहा कि शुक्रवार तड़के रूसी सेना खारकीव के पास पीछे हटकर अपने घायल कर्मियों और क्षतिग्रस्त सैन्य उपकरणों को निकालने की कोशिश कर रही थी। इससे पता चलता है कि रूस के सैन्य उपकरणों को काफी नुकसान हुआ है। जबकि यूक्रेनी सशस्त्र बल स्थानीय आबादी के समर्थन से तीन दिनों मे करीब 50 किमी आगे बढ़ चुके हैं।
यूक्रेन के सैनिक जैसे-जैसे आगे बढ़ रहे हैं उन्हें पता चल रहा है कि रूसी सेना ने शहरों पर कब्जा करने के बाद वहां जबरदस्त तबाही मचाई थी। यह दसियों हजार लोग मारे गए और लाखों लोगों को उनके घरों से खदेड़ दिया गया। रूस ने यूक्रेन के इन आरोपों से इनकार किया कि उसने जानबूझकर यूक्रेनी नागरिकों को निशाना बनाया है। जबकि यूक्रेनी अफसरों ने कहा कि रूस ने शुक्रवार सुबह उत्तर-पूर्वी सूमी क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक अस्पताल को निशाना बनाया है। क्षेत्रीय गवर्नर दित्रिो जेवित्स्की ने कहा, यह हमला रूसी विमान द्वारा किया गया।
अमेरिका ने ईरान की सफीरन एयरपोर्ट सर्विसेस और पारावर पार्स कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। पहली पर आरोप हैं कि उसने ईरानी ड्रोन को रूस में ले जाने के लिए सैन्य उड़ानों का समन्वय किया। जबकि दूसरी कंपनी ड्रोन के शोध, विकास, उत्पादन और खरीद में शामिल थी। दो अन्य कंपनियां भी ईरानी ड्रोन उत्पादन में शामिल रही हैं, जिनमें से एक विमान इंजनों के डिजाइन व निर्माण में बहारेस्तान किश कंपनी शामिल है। हालांकि तेहरान ने इसका खंडन किया है। अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने कहा, हमें पूरी जानकारी है कि ये कंपनियां रूस को ड्रोन आपूर्ति में शामिल रही हैं।