‘अतीक को मिले फांसी, जिंदा रहा तो बना रहेगा खतरा’ उमेश की पत्नी जया ने लगाई गुहार
लखनऊ : उमेश पाल अपहरण मामले में 17 साल बाद अतीक और उसके गुर्गों को सजा मिल सकती हैं। इसके लिए आज (28 मार्च) पुलिस अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ समेत सभी आरोपियों को प्रयागराज की एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट में सुनवाई के लिए पेश करेगी। इस बीच उमेश पाल की मां शांति देवी और उनकी पत्नी जया पाल ने अतीक और उसके भाई अशरफ को सजा-ए-मौत दिए जाने की कोर्ट से मांग की है। उमेश पाल की मां और पत्नी का कहना है कि अतीक और अशरफ को जब तक फांसी की सजा नहीं मिली तो उनके परिवार पर खतरा बना रहेगा।
उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने कहा कि पति की हत्या के बाद मेरे बच्चे अनाथ हो गए हैं। मेरे पति के कातिलों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए। अगर वो जिंदा बचे तो मैं जिंदा नहीं बच पाउंगी। कहा कि वह खुद इस मामले की चश्मदीद गवाह हैं। जया पाल ने कहा कि जब तक जड़ खत्म नहीं होगी तब तक कुछ नहीं हो पाएगा। हम डर के साए में जी रहे हैं। कहा कि अतीक के आपराधिक साम्राज्य के खात्मे के लिए उसकी मौत बहुत जरुरी है। इस दौरान मीडिया से बात करते-करते जया पाल रो पड़ीं।
कहा कि अपराध से अर्जित उसकी संपत्तियों पर बुलडोजर चल रहा है। लेकिन, अगर वह जेल में रहता है और उसे फांसी नहीं होती तो उसके साम्राज्य का अंत नहीं हो सकता। उसने जेल में रहते हुए ही मेरे पति की हत्या करवा दी। जब तक जड़ नहीं खत्म होगा, अतीक का गैंग नहीं खत्म होगा। न्यायलय से हमें उम्मीद है कि वो अतीक को फांसी की सजा सुनाएगा। वहीं उमेश पाल की मां शांति देवी ने कहा कि सजा मिलने से क्या होगा? जिस तरह से मेरे बेटे को मारा गया है, उसकी तरह अतीक, अशरफ और असद का भी एनकाउंटर होना चाहिए, तभी उन्हें सुकून मिलेगा।