संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के ‘फर्जीवाड़े’ का भारत ने ‘राइट टु रिप्लाई’ के जरिए करारा जवाब दिया है। सोमवार को भारत की युवा डिप्लोमैट पौलोमी त्रिपाठी ने पाकिस्तान द्वारा पेश की गई फर्जी तस्वीर के जवाब में एक कश्मीरी आर्मी ऑफिसर की तस्वीर दिखाई जिन्हें आतंकवादियों ने अगवा कर मार डाला था। त्रिपाठी ने कहा कि यह पाकिस्तान का असली चेहरा है जो सालों से कश्मीर को आतंकवाद का दर्द दे रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर को लेकर झूठ फैलाने के लिए फर्जी तस्वीर का इस्तेमाल कर रहा है ताकि वैश्विक आतंकवाद में पाकिस्तान की भूमिका से दुनिया का ध्यान हटाया जा सके।
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संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की सबसे जूनियर डिप्लोमैट पौलोमी त्रिपाठी ने दो तस्वीरें दिखाईं। उनके एक हाथ में भारत के शहीज आर्मी अफसर उमर फैयाज की तस्वीर थी तो दूसरे में पाकिस्तान की प्रतिनिधि मलीहा लोधी की तस्वीर जिसमें वह फिलीस्तीन की एक महिला को कश्मीरी महिला बताती हुई नजर आ रही हैं। त्रिपाठी ने कहा कि पाकिस्तान का असली चेहरा अब किसी से छिपा नहीं रह गया है।
पाकिस्तान की ओर से संयुक्त राष्ट्र को गुमराह करने की कोशिश का जवाब देते हुए त्रिपाठी ने कहा, ‘हमें मजबूर होकर यह तस्वीर (फैयाज की) दिखानी पड़ रही है जो कश्मीर में पाकिस्तान की नीच हरकतों से मिले दर्द को बयां करती है।’ उन्होंने कहा, ‘लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की यह सच्ची तस्वीर है, फर्जी नहीं। जम्मू और कश्मीर राज्य के एक युवा आर्मी अफसर। मई 2017 में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने उमर को एक शादी समारोह से अगवा कर लिया था। उन्हें नृशंस तरीके से टॉर्चर किया गया और फिर उनकी हत्या कर दी गई। यह असली तस्वीर है। यह तस्वीर कड़वे और अफसोसनाक सच को उजागर करती है। सीमा पार से फैलाए जा रहे इस आतंकवाद से भारत के लोग, खास तौर पर जम्मू और कश्मीर के लोग रोजाना जूझ रहे हैं। यह वह सच्चाई है जिसे पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि छुपाने की कोशिश कर रही थीं।’
कौन हैं पौलोमी त्रिपाठी?
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की सबसे वरिष्ठ अधिकारी मलीहा लोधी को तगड़ा जवाब देने वाली भारत की पौलमी त्रिपाठी 2007 बैच की IFS ऑफिसर हैं। वह संयुक्त राष्ट्र के भारत के स्थायी मिशन की सबसे जूनियर अधिकारी हैं। मिशन का नेतृत्व वरिष्ठ अधिकारी सैयद अकबरुद्दीन करते हैं।
पाकिस्तान को जवाब देने के लिए भारत ने पौलमी त्रिपाठी को काफी सोच समझकर चुना। संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने भाषण में पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर जमकर लताड़ा था। उन्होंने कहा था कि भारत ने युवाओं को आगे बढ़ाया, बड़े-बड़े संस्थान बनाए लेकिन पाकिस्तान ने आतंकवादी संगठन बनाए। सुषमा की बात को आगे बढ़ाने के मकसद से पाकिस्तान को जवाब देने के लिए सबसे युवा अधिकारी को चुना गया। त्रिपाठी भारत के स्थायी मिशन में मानवाधिकार का विषय देखती हैं।