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संयुक्त राष्ट्र ने की आतंकी हाफिज सईद के करीबी हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी की मौत की पुष्टि

नई दिल्ली (विवेक ओझा): 26 नवंबर का दिन था, भारत में विधि दिवस मनाया जा रहा था, साल था 2008. लश्करे तैयबा से जुड़े आतंकियों ने देश की वित्तीय राजधानी मुंबई को लहूलुहान कर दिया था और 150 से अधिक लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी थी। उसी 26/11 मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड और मुंबई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा ( lashkar e tayyiba, LeT) के संस्थापक सदस्य हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी ( Hafiz abdul salam bhuttavi) की मौत की पुष्टि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने की है।

लश्कर ए तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद के बाद दूसरा स्थान हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी का ही था। UNSC ने कहा है कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुरीदके ( Muridke) में कार्डिएक अरेस्ट के चलते हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी की मौत की पुष्टि मौत के 7 महीने बाद की है। जब उसकी मौत हुई तो वो पाकिस्तान सरकार के हिरासत में था। यूएनएससी ने इस आतंकी को अपने वांटेड लिस्ट में साल 2012 में शामिल किया था क्योंकि यह अल कायदा ( Al Qaida) से जुड़ा हुआ था। यह टेरर फंडिंग कराने के कामों में भी माहिर था , साथ ही आतंकी हमलों को अंजाम दिलवाने में भी इसकी प्रमुख भूमिका रहती थी।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी हाफिज सईद का डिप्टी था और मुंबई हमलों में शामिल गुर्गों को तैयार करने में उसने भूमिका निभाई थी। यूएनएससी के मुताबिक जब हाफिज सईद को हिरासत में लिया गया था तब भुट्टावी ने कम से कम दो मौकों पर लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा के कार्यवाहक के रूप में कार्य किया था।

भुट्टावी लश्कर और जेयूडी के मदरसा नेटवर्क के लिए जिम्मेदार था। 2002 के मध्य में वह पाकिस्तान के लाहौर में लश्कर-ए-तैयबा का संगठनात्मक बेस स्थापित करने का प्रभारी था। भुट्टावी लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा के प्रमुख लोगों में से था. वह संगठन के सदस्यों को निर्देश देता था और लश्कर और जमात-उद-दावा के ऑपरेशंस के लिए फतवा जारी करता था।

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