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भारत की स्वास्थ्य क्षेत्र की विशेषताओं को वैश्विक पहचान देने में करें सहयोग – केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया

भोपाल : भारत का प्रवासी भारतीय समुदाय हमारी स्वास्थ्य सेवाओं की विशेषताओं, यहाँ की परंपरागत चिकित्सा पद्धति, योग, होम्योपैथी, नेचुरोपैथी, प्रशिक्षित हेल्थकेयर मेनपॉवर, यहाँ की चिकित्सकीय बेस्ट प्रेक्टिसेज के बारे में अपने देशों में जागरूकता लाने में सहयोग कर सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य, रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के द्वितीय दिवस में “आज़ादी के अमृतकाल में भारतीय स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रसार में प्रवासी भारतीयों की भूमिका- विजन 2047” पर पूर्ण सत्र को संबोधित कर रहे थे।

स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने कहा कि भारत के दूरदृष्टा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य क्षेत्र में आधारभूत संरचनाओं एवं हर व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। “वसुधैव कुटुम्बकम्” की अवधारणा पर आधारित वैश्विक प्रयासों के एकीकरण से समूचे विश्व की स्वास्थ्य समस्याओं का निदान करना है।

स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने कहा कि आज भारत फार्मा क्षेत्र विशेषकर जेनेरिक दवाइयों के उत्पादन में शीर्ष पर है। भारत अफ़्रीका की 15 प्रतिशत, अमरीका की 40 प्रतिशत, ब्रिटेन की 25 प्रतिशत जेनेरिक दवाइयों की माँग की पूर्ति करता है। उन्होंने कहा कि आज भारत रिसर्च क्षेत्र में भी नये मानक स्थापित कर रहा है। कोविड काल में भारत द्वारा स्वदेशी वैक्सीन की रिसर्च और उत्पादन एवं संपूर्ण कोविड प्रबंधन वैश्विक स्तर पर सराहा जा रहा है।

मंत्री मंडाविया ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए एमबीबीएस शिक्षा की सीटों की संख्या वर्ष 2014 की 53 हज़ार से बढ़ कर अब लगभग 96 हज़ार हो गई है। साथ ही स्नातकोत्तर शिक्षा की सीटे वर्ष 2014 की 31 हज़ार से बढ़ कर अब लगभग 63 हज़ार हो गई है। साथ ही स्वास्थ्य क्षेत्र में आधारभूत संरचनाओं का विकास भी तीव्र गति से जारी है। आज भारत में एक लाख 50 हज़ार से भी अधिक आयुष्मान हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर हैं। गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की जन-जन तक उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 10 करोड़ से अधिक परिवारों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना से जोड़ा गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आज भारत स्वास्थ्य क्षेत्र को तकनीकी से जोड़ कर भविष्य की चिकित्सा पद्धति के क्षेत्र में प्रयास कर रहा है। टेलीमेडिसिन एवं स्वास्थ्य प्रोफाइल के डिजिटलीकरण से प्रिसीज़न मेडिसिन के प्रयास स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में नई क्रांति के क्षेत्र हैं। भारत स्वास्थ्य सेवाओं के साथ तकनीकी क्षेत्र में भी सशक्त है।। भारत अपनी गुणवत्तापूर्ण एवं किफ़ायती स्वास्थ्य सेवाओं से आज एक महत्वपूर्ण मेडिकल टूरिज्म स्थल हो गया है। उन्होंने उपस्थित प्रवासी भारतीय समुदाय से आज़ादी के अमृत काल में भारत की स्वास्थ्य सेवाओं के प्रसार में सहयोग कर नये गौरवशाली भारत के निर्माण में योगदान देने का आह्वान किया।

केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र आज देश के विकास का एक बहुत बड़ा अवसर है। भारत अपनी गुणवत्तापूर्ण तकनीकी दक्ष स्वास्थ्य सेवाओं से इस अवसर के उपयोग के लिए तैयार है। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भारत की विकास गाथा की जानकारी दी।

पनामा की विदेश मंत्री सुजनैना तेवाने मेनकोमो, जो पनामा की पहली भारतीय मूल की केबिनेट मंत्री हैं, ने कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस में सहभागिता उनके लिए बहुत भावुक पल है। उन्होंने कहा कि भारत का आध्यात्म एवं एकता का संदेश हर भारतीय मूल के नागरिक के अंदर समाहित है जो उन्हें पूरे विश्व में एक विशिष्ट पहचान देता है। भारत की आज़ादी के अमृत काल में “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” की अवधारणा पर पनामा, भारत के साथ विकास पथ का हिस्सा बनना चाहता है। सुमेनकोमो ने भारतीय फार्मा कंपनियों को पनामा को फार्मा एवं बायो-साइंटिफिक हब बनाने में सहयोग करने के लिए आमंत्रित किया।

एमडी राष्ट्रीय सलाहकार समिति एसएएमएचएसए, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सेवा केंद्र अमरीका डॉ. संपत शिवांगी ने अमरीका में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के प्रदाय की व्यवस्था की जानकारी। उन्होंने भारत में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में निःशुल्क सहयोग देने की इच्छा व्यक्त की।

निजी चिकित्सालय संगठन मलेशिया के अध्यक्ष दतुक डॉ. कुलजीत सिंह ने भारत की किफ़ायती दवाइयों के उत्पादन एवं किफ़ायती स्वास्थ्य तकनीकी उत्पादों को रेखांकित करते हुए कहा कि वर्तमान में मलेशिया सहित पड़ोसी देश थाईलैंड एवं इंडोनेशिया इन सेवाओं के लिए पश्चिमी देशों पर आश्रित है। सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र में शासन स्तर के प्रयास से मलेशिया सहित समस्त नज़दीकी देशों में किफ़ायती स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।

उपाध्यक्ष इंडो-सऊदी मेडिकल फोरम डॉ. मोहियाद्दीन सैयद करीमुद्दीन ने कहा कि सऊदी अरेबिया में स्वास्थ्य सेवाओं विशेषकर अत्याधुनिक एवं परंपरागत चिकित्सा सेवाओं के विकास के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

ज्वाइंट एमडी अपोलो हॉस्पिटल डॉ. संगीता रेड्डी ने कहा कि अब समय है कि भारत से, भारत में एवं भारत द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं के प्रदाय के सशक्त प्रयास किए जाएँ।

एमडी एएपीआई, इलिनियोज अमरीका डॉ. रवीन्द्रनाथ कोली ने कहा कि पश्चिम क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की लगातार बढ़ती लागत स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में भारत को विशिष्ट अवसर प्रदान करती हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया सत्र में प्राप्त सभी सुझावों एवं विमर्श विषयों पर उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया।‍‍

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