केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने की कांग्रेस पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’, बोले- ये NDA का विरोध करते-करते देश विरोध पर उतरे
ठाणेः महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने काफी अक्रामक एंट्री मारी है। ठाणे की एक बैठक में जोशीला भाषण देते हुए नड्डा ने कहा कि वो (कांग्रेस) NDA का विरोध करते-करते देश विरोध करने लगे। ये बात उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक पर बार-बार सबूत मांगने के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए कही।
ठाणे में बुद्धिजीवियों की एक बैठक में नड्डा ने कहा 26/11 का हमला यहीं मुंबई में हुआ। यूपीए सरकार डोजियर लेकर पाकिस्तान जाती रही। कसाब को बिरयानी परोसी गई। हालांकि, उरी की घटना के बाद 15 दिनों के भीतर पीएम मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक की। इसी तरह, पुलवामा के बाद 15 दिनों के भीतर एयर स्ट्राइक की गई और पाकिस्तान एक शब्द भी नहीं बोल सका। फिर भी, यहां हमारे देश में कांग्रेस के नेता सबूत मांग रहे हैं। एनडीए का विरोध करते-करते ये (कांग्रेस) देश का विरोध करने लगे।”
नड्डा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास पर ध्यान केंद्रित करके और देश की प्रगति की वकालत करके राजनीति की प्रकृति को बदल दिया है।उन्होंने कहा कि एक समय में राजनीति का मतलब तुष्टीकरण, फूट डालो और राज करो, जनता को गुमराह करना और भ्रष्टाचार था। हालांकि, मोदी जी ने राजनीति को विकास से जोड़कर और देश की प्रगति को प्राथमिकता देकर इसे फिर से परिभाषित किया है। भाजपा अध्यक्ष ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन की भी आलोचना की और उस पर मुंबई मेट्रो, धारावी पुनर्विकास, बुलेट ट्रेन, कोस्टल रोड, पुणे आउटर लिंक रोड और नवी मुंबई हवाई अड्डे सहित महाराष्ट्र में प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को रोकने का आरोप लगाया।
केंद्रीय मंत्री ने मतदाताओं से आग्रह करते हुए कहा कि 20 तारीख को आपको अघाड़ी को रोकना होगा। नड्डा ने जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार गरीब, महिला, किसान और युवा समर्थक है और इसे जवाबदेह और उत्तरदायी बताया। उन्होंने कहा कि यह सरकार सांस्कृतिक और राजनीतिक बदलाव का प्रतिनिधित्व करती है। कांग्रेस पार्टी ने कभी अपने घोषणापत्रों को महत्व नहीं दिया और अक्सर चुनावों में पुराने घोषणापत्रों का इस्तेमाल किया। इसके विपरीत, मोदी जी के नेतृत्व में रिपोर्ट कार्ड की राजनीति उभरी है। हर मंच पर मोदी जी अपनी सरकार की उपलब्धियों का लेखा-जोखा देते हैं।