जोशीमठ में गिराए जाएंगे असुरक्षित होटल, गृहमंत्री ने स्थिति पर बुलाई उच्च-स्तरीय बैठक
नई दिल्ली: उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने के मामले के कारण वहां के लोगों को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट करने का काम जारी है। भू-धंसाव के चलते स्थानीय लोग अपना घर खाली कर रहे हैं। लोग घरों से सामान निकाल रहे हैं और सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट कर रहे हैं। उधर जोशीमठ में प्रशासन ने होटल मलारी इन को गिराने का फैसला किया है। इसमें कई दरारें आ गई हैं और इसकी वजह से उसके करीब की दूसरी इमारतों पर भी दवाब बढ़ता जा रहा है। पहले होटलों और बिल्डिंगों को गिराने का विरोध किया जा रहा था, लेकिन इस मामले में स्थानीय लोग ने इस कार्रवाई का समर्थन किया है।
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जोशीमठ की स्थिति को देखते हुए पांच केंद्रीय मंत्रियों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की। इस बैठक में केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, जलशक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और ऊर्जा मंत्री आरके सिंह भी मौजूद थे। बैठक में जोशीमठ की स्थिति पर समीक्षा की गई और लोगों को राहत के उपायों पर चर्चा की गई। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की थी। शाह ने जोशीमठ के ताजा हालात के बारे में सीएम से जानकारी ली है और प्रदेश को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी जोशीमठ के मुद्दे पर सीएम धामी से बात की थी।
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस वक्त जोशीमठ के दौरे पर हैं। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को यहां एक अहम बैठक की। इस बैठक में उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोगों से बातचीत की और शासन-प्रशासन के साथ तालमेल बनाकर काम करने की बात कही। उन्होंने कहा कि जो लोग प्रभावित हैं, उनकी जान माल की सुरक्षा करते हुए उनके लिए आगे का रास्ता बनाना हमारी प्राथमिकता है। वैसे मीडिया सूत्रों के मुताबिक उत्तराखंड सरकार ने स्पेशल पुनर्वास पैकेज के तौर पर 45 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। साथ ही पुनर्वास पैकेज की दर तय करने और प्रभावित परिवारों को तत्काल अंतरिम सहायता के पारदर्शी बांटने के लिए 19 सदस्यीय समिति का भी गठन किया गया है। स्थानीय लोग उचित मुआवजा देने की मांग पर अड़े हैं। इस बीच मुख्यमंत्री ने बाजार रेट पर मुआवजा देने का एलान किया है।