उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों का मतदान हो चुका है, लेकिन कभी मुख्यमंत्री पद की दावेदार बताई जा रहीं स्मृति इरानी इस दौरान कहीं खो सी गई हैं। न वे प्रचार में कहीं दिख रही हैं और न ही चुनाव प्रबंधन में। 2014 में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी में आक्रामक तेवर दिखा चुकीं स्मृति का आखिर भाजपा इस बार इस्तेमाल क्यों नहीं कर रही है?
उन्होंने मायावती, राहुल गांधी और अखिलेश यादव से इस मुद्दे पर अपना स्टैंड साफ करने को कहा। स्मृति न सिर्फ एक स्टार प्रचारक हैं बल्कि अच्छी वक्ता भी हैं। फिल्मी बैकग्राउंड होने की वजह से भी वे काफी लोकप्रिय हैं। वे 1998 में मिस इंडिया के फाइनल में पहुँची, लेकिन जीत नहीं पाईं।