New Delhi: UP के 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर BJP ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। BJP रणनीतिकारों ने फैसला किया है कि PM Narendra modi के चेहरे को आगे रखकर ही चुनावी मैदान में उतरा जाए तो पार्टी को अधिक फायदा होगा।
रणनीतिकारों का मानना है कि ऐसा करके चुनावी मैदान में उतर रहे विपक्षी दलों पर भी बढ़त बनाई जा सकती है। इस मामले को लेकर भाजपा ने गुरूवार को पार्टी मुख्यालय पर विशेष बैठक की।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश प्रभारी ओम माथुर और प्रदेश अध्यक्ष केशव ने शुक्रवार को कानपुर में अमित शाह की होने वाली जनसभा की समीक्षा की। साथ ही राज्य की विधानसभा सीट पर संभावित प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा की गई। भाजपा सूत्रों की मानें तो शुक्रवार को अमित शाह कानपुर से सीधे लखनऊ आएंगे और भाजपा के संभावित प्रत्याशियों की सूची पर चर्चा करेंगे।
भाजपा रणनीतिकारों को मानना है कि समाजवादी पार्टी में चल रही पारिवारिक कलह और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपो ने भाजपा पदाधिकारियों में ऊर्जा का संचार किया है। भाजपा को लगता है कि कांग्रेस के चेहरे के रूप में शीला दीक्षित से उसे ज्यादा खतरा नहीं है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्या का कहना है कि मुलायम सिंह का दावा है कि पार्टी उनके द्वारा तैयार की गई है। इसके अलावा, मुलायम बार-बार अखिलेश को सरकार के काम काज और अनुशासन की कमी को लेकर फटकार लगाते रहते हैं, जिसका मतलब है कि सपा एक असफल नेता के नेतृत्व में वोट मांगने चुनावी मैदान में जाएगी।
क्षेत्रीय पार्टियां आपसी कलह में उलझी हैं वहीं भाजपा इसे एक मौके के रुप में देख रही है और चुनावों में बिना सीएम के चेहरे के साथ एक ‘एकजुट परिवार’ के रूप में जाने को तैयार है। पार्टी ने लगभग तय कर लिया है कि वो यूपी चुनाव में बिना चेहरे के उतरेगी। वहीं कांग्रेस, बसपा, और सपा सीएम पद के चेहरे के साथ चुनावी मैदान में उतरेगें। भाजपा इन चुनावों में पीएम मोदी के चेहरे को आगे रखकर चुनाव लड़ेगी।
हालांकि कुछ नेताओं का मानना है कि अगर पार्टी पीएम मोदी के नाम पर चुनाव लड़ेगी तो लोग एकजुट होकर रहेंगे। अगर पार्टी किसी उम्मीदवार का ऐलान करती है तो इससे कार्यकर्ता बिखर सकते हैं जो कि चुनाव में पार्टी के लिए नई मुसीबत खड़ी कर सकते हैं।