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उप्र विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे के चलते शनिवार को अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्ष के हंगामे और बहिर्गमन के बीच ही सरकार ने सदन से 17 विधेयक पारित कराए।

इस दौरान नेता सदन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सदन को संबोधित किया। इसके बाद बसपा दले के नेता लालजी वर्मा अपनी बात रखना चाहते थे, जिसका संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना और पक्ष के सदस्यों ने विरोध किया।

फिर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना के प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सर्वसम्मति से सदन की कार्यवाही को अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित कर दिया।

इससे पहले पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज पूर्वाह्न 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरु हुई। विपक्ष के सदस्य कोरोना संक्रमण और कानून व्यवस्था को लेकर हंगामा करने लगे। वे सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। इस दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के विधायक शोर मचाते वेल में भी आ गये।

विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने हंगामा कर रहे विधायकों को समझाया और उन्हें कोरोना के चलते शारीरिक दूरी के प्रोटोकाल की याद भी दिलाई लेकिन विपक्ष के सदस्य नहीं माने। ऐसे में अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।

सदन की कार्यवाही जब दोबारा प्रारम्भ हुई तो विपक्ष के सदस्य फिर हंगामा करने लगे। इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने आपत्ति की। फिर हंगामे के बीच ही सरकार की तरफ से 17 विधेयक सदन के पटल पर रखे गए।

गौरतलब है कि विधानसभा का मानसून सत्र गुरुवार को शुरु हुआ। लेकिन प्रथम दो दिन दिवंगत सदस्यों को श्रऋांजलि देकर सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। आज शनिवार को छुट्टी के दिन भी सदन की कार्यवाही चल रही है। लोगों का कहना है कि ऐसा लंबे समय बाद हो रहा है। अमूमन शनिवार और रविवार को सार्वजनिक अवकाश के कारण सदन की बैठकें नहीं होती है। लेकिन, कभी-कभी विशेष परिस्थिति में विधानसभा अध्यक्ष बैठक बुला सकते हैं। करीब एक दशक पहले केसरी नाथ त्रिपाठी जब विधानसभा अध्यक्ष थे, उस समय उन्होंने भी कुछ मौकों पर शनिवार को सदन बुलाया था।

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