यूपी विधानसभा चुनाव: भाजपा के सुरेश खन्ना और सपा के आजम की होगी अग्निपरीक्षा
लखनऊ। यूपी विधानसभा के लिए 14 फरवरी को दूसरे चरण को मतदान होना है। इस चरण में एक तो सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां दसवीं बार जीत दर्ज करने के लिए मैदान में हैं, तो वहीं योगी मंत्रिमंडल के कद्दावर मंत्री सुरेश कुमार खन्ना एक ही दल और सीट से लगातार नौवीं बार नगर सीट से चुनावी मैदान में हैं। सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां अब तक नौ बार जीत चुके हैं। अभी वह सांसद हैं। पर जेल में रहकर वह विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। फतेह हासिल हुई तो वह दसवीं बार विधायक बनेंगे। 18 वीं विधानसभा में सर्वाधिक संसदीय अनुभव वाले विधायक के तौर पर बैठेंगे। इसी क्षेत्र में शाहजहांपुर से सुरेश खन्ना मैदान में हैं। वह लगातार आठ बार चुनाव जीत चुके हैं और नौवीं बार जीतने के लिए मैदान में हैं। वह एक ही पार्टी से लगातार जीत रहे हैं।
शाहजहांपुर नगर विधानसभा सीट में पिछले 33 सालों से लगातार सुरेश कुमार खन्ना का कब्जा है। उनसे मुकाबले के लिए समाजवादी पार्टी ने जिलाध्यक्ष तनवीर खान को उतारा है। तनवीर खान इससे पहले 2012 और 2017 में भी सुरेश खन्ना से मुकाबिल रह चुके हैं। दोनों बार उन्हें दूसरे नंबर पर ही रहकर संतोष करना पड़ा। 2012 में जीत का अंतर 16,178 मतों का था, जबकि 2017 में यह अंतर बढ़कर 19,203 हो गया। सपा मुस्लिम-यादव (एमवाई) फैक्टर पर भरोसा बनाए हुए है।
रामपुर से आजम खां पिछले कई चुनावों में अपना सियासी दबदबा बरकरार रखने में कामयाब रहे हैं, 2019 के लोकसभा चुनाव में सांसद बनने के बाद रामपुर शहर विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव में उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा जीत हासिल करने में कामयाब रही थीं। आजम खां के मुकाबले में कांग्रेस ने नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां को उतारा है, तो भाजपा ने आकाश सक्सेना को पहली बार मैदान में उतारा है। सक्सेना ने ही आजम खां, उनके बेटे अब्दुल्ल आजम और पत्नी डॉ. तजीन फात्मा के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज कराए हैं।
बसपा ने इस सीट से सदाकत हुसैन को प्रत्याशी बनाया है, तो आम आदमी पार्टी ने फैसल खां लाला पर दांव लगाय है। आजम खां पिछले 23 माह से जेल में हैं। उनके खिलाफ सौ से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। आजम खां के खिलाफ जो मुकदमे दर्ज हुए हैं, उसको मुद्दा बनाकर सपा मतदाताओं की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश में है।
चुनावी इतिहास की बात करें तो 1993 में पहली बार आजम खां सपा से चुनाव लड़े और जीते, लेकिन, 1996 में उन्हें कांग्रेस के अफरोज अली खां ने हरा दिया। तब आजम खां सपा उन्हें राज्यसभा भेजा था। इसके बाद से 2002 से लेकर 2017 तक सपा से उन्होंने बतौर विधायक जीत दर्ज की। 2019 में उन्होंने सपा से ही लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद हुए उपचुनाव में उन्होंने पत्नी डॉ. तजीन फात्मा को चुनाव लड़ाया और वह जीत गई।
दूसरे चरण में दूसरे चरण के चुनाव में शाहजहांपुर सीट से वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, बिलासपुर से जलशक्ति राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख, बदायूं से नगर विकास राज्य मंत्री महेश चन्द्र गुप्ता, चंदौसी से माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी के अलावा आयुष राज्यमंत्री रहे डा. धर्म सिंह सैनी जो अब समाजवादी पार्टी में आ गए हैं, वे नकुड़ सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसके अलावा पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खां रामपुर व उनके बेटे अब्दुल्ला आजम स्वार सीट से चुनाव मैदान में हैं। इस सीट से भाजपा की सहयोगी अपना दल सोनेलाल से हैदर अली खान उर्फ हमजा मियां अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। हमजा मिंया पूर्व सांसद नूर बानो के पौत्र हैं।