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UP Budget 2020: दुनिया के सबसे बड़े हवाई अड्डे व एक्सप्रेसे-वे की सौगात मिलेगी UP को…

लखनऊ: बेहतर रास्ते तरक्की की राह आसान करते हैं। इस सोच को जेहन में बसाए योजनाओं का खाका खींचती रही योगी सरकार ने अब अपने प्रयासों को रफ्तार भरे तेज रास्ते पर डाल दिया है। ग्यारह नए हवाई अड्डों पर चल रहा काम, चार नए एक्सप्रेस-वे का निर्माण सहित गांव-गांव तक अच्छी सड़कें बनाने के लिए जो कदम बढ़ाया गया है, वह सरकार का लंबी दौड़ का ‘स्टेमिना’ दिखा रहा है। हवाई मानचित्र पर यूपी का उभार और सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे नेटवर्क प्रदेश की अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास की राह आसान करेगा।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना का कहना है कि ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन और कानून व्यवस्था विकास के मुख्य आधार हैं। गांव तक ट्रांसपोर्ट सिस्टम मजबूत होता है तो विकास के रास्ते खुलते हैं, इसीलिए हमने ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बेहतर करने पर जोर दिया है।

सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद लंबे अर्से तक उत्तर प्रदेश अच्छी एयर और रोड कनेक्टिविटी के लिए तरसता रहा है। इस ओर एक कदम आगरा-नोएडा यमुना एक्सप्रेस-वे बनाकर बसपा सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती तो दूसरा कदम सपा सरकार में तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे के रूप में बढ़ाया। इससे बड़ी लकीर खींचने को बेताब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्वांचल, बुंदेलखंड, पश्चिमी उप्र तक को अपने एजेंडे में हमकदम बना लिया।

सीएम अखिलेश यादव द्वारा शुरू किए गए मेट्रो ट्रैक को वह यूपी के कई शहरों तक ले जाना चाहते हैं तो पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे सहित अब तक का सबसे बड़ा गंगा एक्सप्रेस-वे बनाने जा रहे हैं। जेवर में बन रहे सबसे बड़े नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए बजट का पिटारा खोल दिया है। वर्तमान में 11 एयरपोर्ट पर काम चल रहा है। रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत छोटे शहरों को जोड़कर हवाई चप्पल वाले को हवाई सफर मुहैया कराने का प्रयास है तो लोक निर्माण विभाग की झोली हजारों करोड़ रुपये के बजट से भरकर गांवों तक सुगम रास्तों के दायित्व का बोझ बढ़ा दिया है।

अपनी इस ‘संकल्प एक्सप्रेस’ को योगी ने बीस हजार करोड़ रुपये का ‘बजट फ्यूल’ दिया है। यह सफर पूरा हुआ तो पूरी उम्मीद है कि यूपी विकास के नए मुकाम पर खड़ा भी नजर आएगा।

बजट का पिटारा

मेट्रो और एक्सप्रेस-वे

दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम- 900 करोड़़
आगरा मेट्रो- 286 करोड़
कानपुर मेट्रो- 358 करोड़
गोरखपुर व अन्य शहरों के मेट्रो प्रस्ताव बनाने के लिए- 200 करोड़
मेरठ-प्रयागराज (637 किलोमीटर) गंगा एक्सप्रेसवे- 2000 करोड़
हवाई अड्डे

नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट- 2000 करोड़
अयोध्या एयरपोर्ट- 500 करोड़
रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम- 92.50 करोड़
लोक निर्माण विभाग

ग्रामीण मार्गों का निर्माण, चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण- 2305 करोड़
राज्य सड़क निधि- 1500 करोड़
दो लाख 31 हजार किलोमीटर सड़कों की मरम्मत के लिए- 3524 करोड़
उप्र कोर रोड नेटवर्क परियोजना- 830 करोड़
उप्र मुख्य जिला विकास परियोजना सड़क निर्माण- 755 करोड़
मार्ग दुर्घटनाओं में कमी, ब्लैक स्पॉट सुधारने के लिए- 39 करोड़
नेपाल बॉर्डर के सात जिलों की सड़कों के लिए- 138 करोड़
केंद्रीय मार्ग निधि योजना- 2080 करोड़
शहरों में बाइपास, रिंग रोड, चौराहों व फ्लाईओवर के लिए- 170 करोड़
पुलों के निर्माण के लिए- 2529 करोड़
पूर्वांचल निधि- 300 करोड़
बुंदेलखंड निधि- 210 करोड़

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