प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने में उत्तर प्रदेश को पहला स्थान
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में वैश्विक महामारी कोरोना के संकट के दौरान गरीब कल्याण रोजगार योजना 6 राज्यों के 116 जिलों में चल रही थी। इनमें प्रदेश के 31 जिले शामिल थे। उत्तर प्रदेश को प्रथम पुरस्कार के साथ ही प्रयागराज जिले को भी देश में शौचालय बनाकर रोजगार देने में अव्वल रहने पर प्रथम पुरस्कार मिला है। इसी के साथ पंचायती राज विभाग को कुल 8 पुरस्कारों के लिए चुना गया है। यह पुरस्कार 2 अक्टूबर को आयोजित वर्चुअल समारोह में प्रदान किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बड़े कदम के तहत कोविड-19 के संक्रमण में लॉकडाउन के दौरान गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत श्रमिकों को मनरेगा के तहत काम मिला। जिसकी दैनिक मजदूरी 182 रुपए से बढ़ाकर 202 रुपए कर दी गई।
इस योजना के तहत श्रमिकों को 125 दिनों तक के लिए रोजगार उपलब्ध कराया गया। इसमें समग्रता में उत्तर प्रदेश नंबर एक पर है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय के घोषित सामुदायिक शौचालय अभियान पुरस्कारों में से सात उत्तर प्रदेश के हिस्से में आना भी योगी आदित्यनाथ की लगातार मेहनत का परिणाम है। जन गरीब कल्याण रोजगार योजना में पहले नम्बर पर बरेली और और दूसरे नंबर पर अलीगढ़ है।
अलीगढ़ के खाते में स्पेशल रिकगनिशन का भी पुरस्कार आया है। इसी तरह गंदगी मुक्त भारत अभियान में भी समग्रता में उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर है। गरीब कल्याण रोजगार अभियान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 20 जून को इस अभियान को प्रारंभ किया था। इसे प्रवासी श्रमिकों को सहायता देने के लिए शुरू किया गया था। अभियान में उत्तर प्रदेश समेत छह राज्यों के 116 जिलों को शामिल किया गया था। प्रदेश के पंचायती राज विभाग को कुल आठ पुरस्कारों के लिए चुना गया है।
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यह पुरस्कार दो अक्टूबर को आयोजित समारोह में दिए जाएंगे। दो अक्टूबर को नई दिल्ली में सम्बंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रमुख सचिव एमडी को यह पुरस्कार दिया जाएगा। जिला प्रयागराज, हरदोई और फतेहपुर क्रमश: पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। जिले के पुरस्कार वहां के जिलाधिकारी या मुख्य विकास अधिकारी ग्रहण करेंगे।
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