यूपी एसटीएफ ने KGMU में सस्ती दवाओं के धंधे का किया भंडाफोड़, तीन आरोपी गिरफ्तार
यूपी एसटीएफ ने केजीएमयू में सस्ती दवाओं की अवैध धंधेबाजी का भंडाफोड़ किया है। तीन झोले में करीब दो लाख की सरकारी दवाएं बाजार में बेचने जा रहे तीन आरोपी दबोचे। इसमें केजीएमयू के संविदा कर्मी भी है, उससे केजीएमयू की आईडी मिली। चौक कोतवाली में केस दर्ज कर रैकेट के अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है।
पकड़ने पर टीम से भिड़े एसटीएफ को एचआरएफ फार्मेसी की दवाएं कूटरचना के जरिए बाजार में महंगे दाम पर बेच रहे गिरोह की सूचना मिली। एएसपी अमित नागर की अगुवाई वाली एसटीएफ टीम बनाई गई। पता चला कि गुरुवार को गिरोह सरकारी अस्पतालों की सस्ती दवाएं रैपर पर सरकारी मुहर बदलकर बाजार में बेचने जा रहा है। गिरोह नींबू पार्क के पास फार्मेसी से लेन-देन करने वाले हैं। ड्रग इंस्पेक्टर सौरभ दुबे, निलेश शर्मा के साथ एसटीएफ टीम ओवर ब्रिज के पास पहुंची तो आरोपियों को संदेह हो गया और वे भागने लगे। दौड़ाकर पकड़ने पर वह टीम से भिड़ गए।
मुहर को मिटाने से बेचने तक के एक्सपर्ट रखे थे
एचआरएफ फार्मेसी में तैनात कई साथी एचआरएफ लिखी दवाओं को सहयोगियों से मिटवाकर मेडिकल स्टोरों को 30 कमीशन पर बेचते हैं। उन्होंने बताया कि मुहर मिटाने से दवा बेचने तक के एक्सपर्ट हैं। वे स्टोर को मांग मुताबिक दवाएं मुहैया कराते थे।
चार साल से चल रहा खेल
आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर के एचआरएफ फार्मेसी का एक कर्मी, प्लास्टिक सर्जरी विभाग के कर्मी, गांधी वार्ड के एचआरएफ में तैनात कर्मी समेत कई साथी रकम बांट लेते हैं। वे धांधली चार वर्षों से कर रहे हैं।
मामले की जांच के आदेश
दवा बिक्री की जांच के आदेश दिए गए हैं। एचआरएफ के डॉ. एचएस पहवा ने बताया कि एक कर्मी कल से गायब है, सूचना प्रॉक्टर, पुलिस को दी है। गतिविधियां संदिग्ध थीं। जिनके नाम बताए हैं, सभी पर कार्रवाई होगी।
मरीजों के नाम पर केजीएमयू कर्मी लेता था दवाएं
केजीएमयू हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड के 14 स्टोर हैं। इनमें 30-70 फीसदी तक सस्ती दवाएं मिलती हैं। मरीजों की पंजीकरण संख्या से दवाएं बेचने का नियम है मगर कर्मचारी उनकी यूएचआईडी का दुरुपयोग कर दवाएं निकाल बाजार में बेच रहे हैं। रजनीश ने कबूला कि वह एचआरएफ फार्मेसी में आउटसोर्स संविदा पर सेल्समैन है। वह यूएचआईडी नम्बर से मरीजों के नाम पर दवाएं निकलवाता था।
सीतापुर और हरदोई के रहने वाले हैं आरोपी
-सीतापुर निवासी रजनीश कुमार। त्रिवेणीनगर में किराए पर रहता है।
-मिश्रिख निवासी नितिन बाजपेयी। मड़ियांव की कॉलोनी में रहता है।
-हरदोई में अटरिया का रहने वाला प्रियांशु मिश्रा फिलहाल मड़ियांव के नजदीक की मामा कॉलोनी में रहता है।