UP : जेपी की विरासत पर क्यों मचा हंगामा, अखिलेश के घर के बाहर आरएएफ तैनात
लखनऊ : जयप्रकाश नारायण की जयंती पर एक बार फिर लखनऊ में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. अखिलेश यादव जेपी सेंटर में श्रद्धांजलि के लिए अड़े हुए हैं. सरकार उनके कैंपस में जाने पर रोक लगा दी है. जेपी सेंटर के गेट पर टीन की बड़ी दीवार लगा दी गई. अखिलेश यादव ने ऐलान किया है कि वो 10 बजे JPNIC में जाकर जेपी की प्रतिमा का माल्यार्पण करेंगे. अखिलेश के ऐलान को देखते हुए लखनऊ पुलिस ने जेपीएनसी पर बड़ी संख्या में पुलिस फ़ोर्स को तैनात कर दिया गया है.
अखिलेश यादव के घर के बाहर बैरिकेडिंग लगाकर ट्रैफिक को बंद कर दिया गया है, अखिलेश यादव की सुरक्षा में तनाव पुलिस फोर्स के अलावा किसी के भी आने जाने पर पाबंदी लगा दी गई है. सपा अध्यक्ष के आवास की तरफ जाने वाले दोनों तरफ के रास्तों पर पुलिस ने करीब 200 मीटर पर ही बैरिकेडिंग लगाई है.
भाजपाई लोग हों या इनकी सरकार, इनका हर काम नकारात्मक का प्रतीक है। पिछली बार की तरह समाजवादी लोग कहीं ‘जय प्रकाश नारायण जी’ की जयंती पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करने न चले जाएं, इसीलिए उन्हें रोकने के लिए हमारे निजी आवास के आसपास बैरिकेडिंग कर दी गयी है।
अखिलेश यादव ने आरोप लगाते हुए एक्स पर पोस्ट कर कहा, ‘भाजपाई लोग हों या इनकी सरकार, इनका हर काम नकारात्मक का प्रतीक है. पिछली बार की तरह समाजवादी लोग कहीं ‘जय प्रकाश नारायण जी’ की जयंती पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करने न चले जाएं, इसीलिए उन्हें रोकने के लिए हमारे निजी आवास के आसपास बैरिकेडिंग कर दी गयी है’
गेट के बाहर वाटर कैनन के साथ आंसू गैस गोले छोड़ने के लिए वाहन को तैनात कर दिया गया है. आरएएफ की टुकड़ी के साथ महिला पुलिस फ़ोर्स को तैनात किया गया है. रोड पर भारी बेरिकेटिंग्स कर दी गई है जिससे कोई गेट तक ना पहुंच पाए. जॉइंट कमिश्नर ख़ुद फ़ोर्स के साथ JPNIC पर मौजूद है जहां पूरी रोड को बेरिकेटिंग से ब्लॉक कर दिया गया. यह आम जनमानस का रास्ता है.
लखनऊ विकास प्राधिकरण ने जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर JPNIC जाने के अखिलेश यादव के कार्यक्रम के संबंध में LDA सचिव ने एक पत्र जारी किया है. इसमें लिखा है, ‘JPNIC एक निर्माण स्थल है, जहां निर्माण सामग्री बेतरतीब ढंग से फैली हुई है और बारिश के कारण कई कीड़े होने की संभावना है… सपा प्रमुख अखिलेश यादव को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है, जिसके कारण सुरक्षा कारणों से उनका प्रतिमा पर माल्यार्पण करना और JPNIC का दौरा करना सुरक्षित और उचित नहीं है.’
इस मामले पर यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने कहा, “इस सरकार की नीयत ठीक नहीं है. पिछले साल भी इसी तरह की हरकतें की गई थीं…उन्होंने वाराणसी में सर्व सेवा संघ को ध्वस्त कर दिया और एक अच्छी जगह को नष्ट कर दिया. इसी तरह, मुझे लगता है कि वे उसे (जेपीएनआईसी) भी ध्वस्त करने और किसी बड़े व्यवसायी को बेचने की कोशिश कर रहे हैं, और इसीलिए वे ऐसा कर रहे हैं…यह सरकार तानाशाह की तरह काम कर रही है. लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई जा रही है, मूर्तियों पर माल्यार्पण करने पर रोक लगाई जा रही है…”
जेपी सेंटर का अखिलेश सरकार में बना है. अखिलेश का आरोप है कि योगी सरकार जेपी सेंटर को बेचने की तैयारी कर रही है. वहीं बीजेपी सरकार ने करप्शन का आरोप लगाते हुए जांच का हवाला दे रही है. जब देर रात दीवार लगाई जा रही थी उसी वक्त अखिलेश यादव वहां पहुंचे थे. उन्होंने वहां काम करने वालों को समाजवादी पार्टी जिंदाबाद लिखने को कहा.
समाजवादी पार्टी ने जेपी सेंटर को बेचने की तैयारी का आरोप लगाया. पिछले साल सपा प्रमुख अखिलेश यादव को जेपीएनआईसी के द्वार पर चढ़कर परिसर में स्थित जय प्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण करना पड़ा था.
जेपीएनआईसी का उद्घाटन अखिलेश यादव ने 2016 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान किया था। हालांकि, 2017 में राज्य में भाजपा के सत्ता में आने के बाद इमारत का काम बंद हो गया. इस केंद्र में जयप्रकाश नारायण व्याख्या केंद्र (संग्रहालय) के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी हैं.