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यूपी में 30 जून तक नहीं होगा कोई सामूहिक कार्यक्रम: मुख्यमंत्री


लखनऊ: एक महीने लम्बे लाकडाउन के बावजूद देशभर में कोरोना वायरस अभी भी तेजी से पांव पसार रहा है। स्थिति अनियंत्रित भले ही ना हो परन्तु सामान्य तो बिलकुल नहीं है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया है कि 30 जून तक प्रदेश में किसी भी सार्वजनिक और सामूहिक कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके बाद परिस्थितयों के मुताबिक फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि रमजान में भी मुस्लिम समाज के धर्मगुरुओं ने घर में रहकर ही नमाज पढ़ने की अपील की है। इसलिए यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं कोई भी आयोजन न होने पाए। सोशल मीडिया पर नजर रखी जाए।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत में यह निर्देश दिए। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि किसी भी प्रकार की कोई नई व्यवस्था नहीं शुरू होगी। मुख्यमंत्री ने अवैध शराब के विरुद्ध कार्रवाई निरन्तर रखते हुए गोकशी पर भी कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कच्ची शराब की घटनाओं पर रोक लगाएं और गोकशी करने वालों पर एनएसए लगाया जाए।

सप्लाई चैन से जुड़े लोगों की टेस्टिंग करायी जाए

उन्होंने संक्रमण की दृष्टि से जनपद संतकबीरनगर की बढ़ी हुई संवेदनशीलता के मद्देनजर, मण्डलायुक्त बस्ती, पुलिस महानिरीक्षक बस्ती तथा स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि सप्लाई चैन से जुड़े लोगों की टेस्टिंग करायी जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि क्वारंटीन सेन्टर तथा शेल्टर होम में हर हाल में सोशल डिस्टेंसिंग अपनायी जाए। शेल्टर होम में क्वारंटीन अवधि पूरी करने के बाद होम क्वारंटीन के लिए घर जाने वाले श्रमिकों को राशन की किट व एक हजार रुपये का भरण-पोषण भत्ता दिया जाए।

लाॅकडाउन का शत-प्रतिशत पालन कराया जाए

मुख्यमंत्री ने साफ किया हैे कि लाॅकडाउन का शत-प्रतिशत पालन कराते हुए सोशल डिस्टेंसिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। पेट्रोलिंग को बढ़ाया जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जनपद स्तर पर किये जा रहे कार्याें की प्रगति की निरन्तर जानकारी प्राप्त करते रहें। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर अलग-अलग कार्यों के लिए अधिकारी नामित किये जाएं, जिससे कार्यों का सुचारू संचालन हो और इनके लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही भी तय की जा सके।

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