UP: केंद्र में BJP के होते हुए भी नहीं शुरू हो पाई सीएम योगी द्वारा CBI को सौंपे गए 4 केस की जांच, लेकिन ऐसा क्यों
लखनऊ. 19 नवंबर को योगी सरकार के आठ महीने पूरे हो जाएंगे। इन 8 महीनों में योगी सरकार ने पूर्व सरकार की कई योजनाओं की जांच करायी है। सीबीआई जांच के लिए योगी सरकार ने 4 मामलों की संस्तुति की, लेकिन सीबीआई ने सिर्फ एक मामले की जांच का जिम्मा लिया, बाकी मामला अभी तक ठंडे बस्ते में हैं। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि जब यूपी से लेकर केंद्र तक बीजेपी की सरकार है, उस वक्त चार मामलों में सिर्फ एक की जांच सीबीआई क्यों कर रही हैं ? सिर्फ एक मामले की जांच कर रही है CBI
आईएएस अनुराग की मौत की जांच कर रही है CBI
– बहराइच जिले के रहने वाले अनुराग तिवारी कर्नाटक कैडर के IAS थे। मई महीने में लखनऊ के मीराबाई मार्ग स्थित स्टेट गेस्ट हाउस में LDA VC के साथ ठहरे हुए थे। बीते 17 मई की सुबह गेस्ट हाउस की कुछ दूरी पर नाली के किनारे उनका शव पड़ा हुआ था, जिसकी सूचना मिलने पर पहुंची। पुलिस ने उनके जेब से मिले दस्तावेज से शिनाख्त की, जिसके बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। इस बारे में अनुराग के भाई ने हजरतगंज कोतवाली में मर्डर का केस दर्ज कराया।
– इस मामले में प्रदेश सरकार ने सीबीआई जांच के लिए 23 मई को संस्तुति पत्र केन्द्रीय कार्मिक विभाग को भेज दिया था। योगी सरकार की संस्तुति के बाद मामले में सीबीआई जांच शुरू हुई थी। कई महीने के बाद अभी सरकार किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है।
वक्फ बोर्ड घोटाले की जांच भी अटकी
– 15 जून को सीएम योगी आदित्यनाथ ने शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड में हुए घोटालों की जांच की संस्तुति भी सीबीआई से की थी, लेकिन इस मामले की जांच अभी तक नहीं शुरू हुई। वक्फ बोर्ड के घोटाले में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन पर आरोप है कि हजारों करोड़ की अवैध सम्पत्ति और वक्फ की जमीनों पर कब्जा करके अवैध निर्माण करा रखा है। यही नहीं वक्फ बोर्ड की जमीनों को बेचने का भी आरोप है। यह घोटाला लगभग 500 से 1000 करोड़ का है, लेकिन इस मामले की जांच भी अभी शुरू नहीं हुई है।