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UP: प्रियंका गांधी बन सकती हैं कांग्रेस की CM कैंडिडेट
दस्तक टाइम्स एजेंसी/ लखनऊ।-उत्तर प्रदेश में राजनीतिक क्षितिज पर एक बार फिर चमकने के लिए प्रयासरत कांग्रेस के रणनीतिकारों में शुमार किए गए प्रशांत किशोर 10 मार्च को वरिष्ठ नेताओं से राय मशविरा करेंगे। किशोर की इस बाबत यहां पहली यात्रा होगी। लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार विधानसभा चुनाव में नीतिश कुमार के चुनाव प्रबंधक रहे प्रशांत किशोर के सामने कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में खड़ा करना एक बड़ी चुनौती है।
चर्चा में है प्रियंका गांधी का नाम
कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि किशोर का आगामी 10 मार्च को कार्यक्रम है। वह वरिष्ठ नेताओं के साथ ही कुछ कार्यकर्ताओं से भी बातचीत कर सकते हैं। उन्होने बताया कि किशोर ने हालांकि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को चुनावी सफलता दिलाने के लिए निर्विवाद और तेज नेता को आगे करने की आवश्यकता बताई है। इसमें कुछ लोग कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा का भी नाम ले रहे हैं।
यूपी में आसान नहीं कांग्रेस की डगर
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी के उत्तर प्रदेश के नेताओं की दिल्ली में हुई दो मार्च को हुई बैठक में किशोर का मत था कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को 25 साल पुरानी स्थिति में लाना बहुत आसान नहीं है लेकिन यदि कोई चमत्कारी चेहरा आगे किया जाए तो यह काम हो भी सकता है।
क्या है राहुल गांधी की राय?
प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में लाकर आगे किये जाने की कई बार मांग उठ चुकी है हालांकि राहुल गांधी ने हर बार कहा, ‘वह मेरी बहन है, वह जो भी करना चाहेगी मैं हरसंभव मदद करुंगा। वह काफी समझदार है। जनता के बीच उसे काम करने में कठिनाई नहीं होती।’
प्रियंका की जनता में स्वीकार्यता
प्रियंका अपनी मां सोनिया गांधी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली और अमेठी में जाती रही हैं। इन क्षेत्रों में उनकी स्वीकार्यता भी है इसलिए लोगों को लगता है कि यदि 2017 के चुनाव में उनकी ही अगुवाई में चुनाव मैदान में जाया जाए तो बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा सकती है।
सोनिया-राहुल का चुनाव प्रबंधन संभालती है प्रियंका
प्रियंका गांधी द्वारा बार-बार राजनीति में न आने की घोषणा के बाद भी पार्टी के कार्यकर्ता उनसे लंबे समय से यूपी में सक्रिय होने की अपील कर रहे हैं। प्रियंका गांधी भले चुनाव न लड़ी हों, लेकिन अपनी मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी के चुनाव प्रबंधन का काम वह बखूबी संभालती आई हैं।