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UPA के GDP को कम करने पर राहुल ने कहा- ‘मोदी मास्टर मैनिपुलेर’

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यूपीए काल के जीडीपी दरों को रिवाइज करने पर पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है. राहुल गांधी ने कहा है कि मोदी आंकड़ों में जोड़-तोड़ के मास्टर हैं. राहुल ने एक कार्टून शेयर कर एनडीए सरकार पर हमला बोला है.

UPA के GDP को कम करने पर राहुल ने कहा- 'मोदी मास्टर मैनिपुलेर'इस कार्टून के जरिए मनमोहन सरकार की आर्थिक उपलब्धियों को कम करने के एनडीए के तरीकों को बड़े दिलचस्प तरीके से बढ़ाया गया है. कार्टून में दिखाया गया है कि कैसे मनमोहन सरकार की कामयाबियों को कमतर दिखाने के लिए मोदी सरकार तिकड़म कर रही है.

विकास दर गिनने का नया तरीका

बता दें कि नीति आयोग और केंद्रीय सांख्यिकी संगठन ने यूपीए के कार्यकाल के जीडीपी को दोबारा कैलकुलेट किया था. नए तरीके के फार्मूले से निकाले गए जीडीपी की वजह से यूपीए के समय की जीडीपी दरें घट गईं हैं. जैसे कि नए फॉर्मूले में साल 2010-11 में जीडीपी 8.5 फीसदी है, जबकि पुराने आंकड़ों के मुताबिक ये जीडीपी 10.3 फीसदी थी.

नीति आयोग और सांख्यिकी मंत्रालय ने जीडीपी गणना के लिए 2011-12 को आधार वर्ष बनाया है, और 2005-06 से लेकर 2010-11 तक का नया आंकड़ा जारी किया है. नए आंकड़े बताते हैं कि 2015-16 में आर्थिक विकास दर 8.2 फीसदी थी जो 2016-17 में 7.1 फीसदी और 2017-18 में 6.2 फीसदी रही. इन आंकड़ों के मुताबिक 2016 के बाद विकास दर में करीब 1.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.

अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड का पालन करती है नई विधि

नीति आयोग का तर्क है कि अब जिस नयी विधि से जीडीपी निकाली गई है वो इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के मानकों का पालन करता है. मोदी सरकार के मुताबिक पुराने बेस ईयर 2004-05 के मुताबिक साल 2010-11 में देश की विकास दर 10.3 फीसदी दर्ज की गई थी लेकिन जब नए बेस ईयर 2011-12 के मुताबिक इसे निकाला गया तो ये आंकड़ा 8.5 फीसदी ही निकला.

कांग्रेस आग-बबूला

मोदी सरकार ने जब ये आंकड़े जारी किए तो कांग्रेस आग-बबूला हो गई. कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली अर्थव्यवस्था को हुई ‘भारी क्षति’ को छिपाने के लिए जीडीपी के आंकड़ों में ‘द्वेषपूर्ण और चालबाजी’ कर रहे हैं.

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि ‘विफल मोदीनोमिक्स’ और ‘पकोड़ा इकोनोमिक्स विजन’ ने भारत की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है.

पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि नीति आयोग का नया जीडीपी आंकड़ा ‘एक मजाक, खराब मजाक और खराब मजाक से भी बुरा’ था. उन्होंने कहा कि आंकड़े मनमोहन सरकार की छवि धूमिल करने के इरादे से किए गए. चिदंबरम ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि इस पूरी तरह से बेकार संस्था को बंद कर दिया जाए.

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