यूपी की बिजली गुल : सीएम योगी नाराज, STF को जांच के आदेश
लखनऊ, 13 अगस्त, दस्तक टाइम्स, (ब्यूरो) : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जन्माष्टमी पर लाखों के घर की बिजली गुल होने के मामले पर बेहद नाराज हैं। उन्होंने गत दिवस कतिपय क्षेत्रों में बिजली उपभोक्ताओं की बाधित विद्युत आपूर्ति के प्रकरण की जांच एसटीएफ से कराए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि जांचोपरान्त दोषी पाए गए लोगों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए।
उत्तर प्रदेश में जन्माष्टमी की रात को एक साथ कई जनपदों के लाखों घरों में बिजली जाने से अन्धेरा छा गया था, यह खराबी स्मार्ट मीटर कंट्रोल सिस्टम की गड़बड़ी के चलते आयी थी।
कंट्रोल सिस्टम में खराबी से लाखों घरों में अंधेरा छाया
उत्तर प्रदेश में स्मार्ट मीटर कंट्रोल सिस्टम में आई खराबी से प्रदेश के स्मार्ट मीटर कनेक्शन वाले लाखों घरों में कई घंटे तक अंधेरा छाया रहा। इसके बाद जनता कई विजली घरों के सामने इकट्ठी हो गयी। परेशान उपभोक्ताओं ने विद्युत उपकेंद्रों का घेराव कर दिया। क्योंकि यह खराबी मुख्य कंट्रोल सिस्टम में हुयी थी, इसलिए विद्युत उपकेंद्रों पर तैनात अभियंतागण उपभोक्ताओं की कोई मदद नहीं कर पाए।
स्मार्ट मीटर फाल्ट मामले में दो अधिकारी सस्पेंड
राज्य के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने इसे गंभीर चूक मानते हुए कार्पोरेशन अध्यक्ष को 24 घंटे में जांच करके रिपोर्ट देने को कहा। साथ ही इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश जारी किये। ऊर्जा मंत्री के सख्त रुख को देखते हुए कार्पोरेशन मैनेजमेंट द्वारा बुधवार को देर रात यूपी ईईएसएल के स्टेट हेड आदेश सक्सेना और एलएंडटी के प्रोजेक्ट मैनेजर शशिकांत अग्रवाल सस्पेंड कर दिए गए हैं।
सॉफ्टवेयर-हार्डवेयर में तकनीकी गड़बड़ हुयी – अध्यक्ष पावर कारपोरेशन
इस मामले में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष अरविन्द कुमार ने बताया कि कंट्रोल रूम के साफ्टवेयर-हार्डवेयर में तकनीकी गड़बड़ी होने के कारण स्मार्ट मीटर वाले विद्युत उपभोक्ताओं की विद्युत आपूर्ति कुछ घंटों के लिए बंद हो गयी थी। परन्तु देर रात ज्यादातर उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति फिर से सुचारु रूप से चालू हो गयी। उन्होंने बताया की पूरे मामले की गहन जांच की जा रही है। जांच के बाद ही पता लग पायेगा कि यह कैसे हुआ और इसके लिए कौन इसका जिम्मेदार है।
विद्युत उपभोक्ता परिषद पहले ही स्मार्ट मीटर को घटिया बताया था
दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि उनके द्वारा पहले ही स्मार्ट मीटर की जांच कराने की मांग की जा चुकी है। वर्मा ने कहा की यह स्मार्ट मीटर बेहद घटिया दर्जे के हैं। उन्होंने बताया कि यही मीटर हैं जिसकी रीडिंग जंप करने पर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मीटर लगाने पर रोक लगाने के साथ ही उसकी जांच कराने के आदेश दिए थे, लेकिन अब तक जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है। परिषद के अध्यक्ष ने घटिया स्मार्ट मीटर आपूर्ति करने वाली कंपनी को तत्काल ब्लैक लिस्ट करने की मांग की है। जिससे कि आगे से उपभोक्ताओं को किसी तरह की दिक्कत न होने पाए।