अन्तर्राष्ट्रीय

US: चीन में बंदी 10 लाख उइगर मुसलमानों पर दुनिया चुप क्यों हैं…

अमेरिका ने एक बार फिर चीन में उइगर मुसलमानों का मुद्दा जोरशोर से उठाया है। अमेरिका ने कहा कि 10 लाख उइगर मुसलमानों को बंदी शिविरों में रखा गया है। इस पर दुनिया चुप क्यों है? चीन में उइगर मुसलमानों पर होने वाले अत्याचार को लेकर अमेरिका शुरू से मुखर रहा है। वह पहले भी इस मुद्दे पर चीन को घेरने की कोशिश कर चुका है। इस पर दुनिया की खामोशी पर हैरानी जताते हुए अमेरिका के नए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओब्रायन ने कहा कि अगर चीन हांगकांग में लोकतंत्र समर्थकों पर थियानमेन चौक जैसी कार्रवाई करेगा तो क्या अंतरराष्ट्रीय बिरादरी बीजिंग खिलाफ खड़े होगा। उन्होंने कहा, ‘दुनिया कहां है? बंदी शिविरों में 10 लाख से अधिक लोग रह रहे हैं। मैं रवांडा में जनसंहार संग्रहालय में गया था।

आपने सुना होगा कि ‘यह ऐसा दोबारा कभी नहीं होगा’ और इसके बावजूद 10 लाख से अधिक लोग बंदी शिविरों में रह रहे हैं। इस पर मुस्लिम देशों की चुप्पी भी काफी हैरान करने वाली है। ऐसा अनुमान है कि चीन ने जेल जैसे बंदी शिविरों में लाखों को अल्पसंख्यक मुस्लिम उइगरों को बंद कर रखा है।

शी ने दिया था रहम न बरतने का आदेश
पिछले दिनों कुछ दस्तावेज लीक हुए थे। इनसे पता चलता है कि उइगर मुस्लिमों को किस प्रकार उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। लीक दस्तावेजों के मुताबिक, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने खुद ही आदेश जारी करके कहा था कि चरमपंथ और अलगाववाद पर कोई रहम न किया जाए।

बता दें कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जब पाकिस्तान ने मानवाधिकार उल्लंघन के झूठे दावे किए थे, तब भी चीन पाकिस्तान के साथ खड़ा दिखाई दिया था। चीन में खुलेआम मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और इस पर दुनियाभर के देशों ने चुप्पी साध रखी है।

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