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US से वार्ता करने की बात कहने के बाद उत्तरी कोरिया ने दागे मिसाइल

उत्तरी कोरिया और अमेरिका के बीच एक बार फिर पांच अक्तूबर से परमाणु वार्ता होने जा रही है। दोनों देश इसके लिए सहमत हो गए हैं। हालांकि, अमेरिका से वार्ता करने के बाद उत्तरी कोरिया ने प्रोजेक्टाइल दागे हैं। उत्तरी कोरिया को यह कदम अमेरिका के लिए एक संदेश की तरह है कि वह वार्ता करने के लिए तैयार जरूर हो गया है, लेकिन डरा नहीं है।

उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच एक बार फिर परमाणु मुद्दे पर किसी समझौते तक पहुंचने की संभावना दिखाई देने लगी है। उत्तर कोरिया के एक वरिष्ठ राजनयिक ने मंगलवार को दावा किया कि दोनों देशों के बीच निरस्त्रीकरण के बदले प्रतिबंधों को हटाए जाने के मुद्दे पर महीनों से चल रहा गतिरोध खत्म हो गया है।

विदेश मामलों के प्रथम उपमंत्री चोई सोन हुई ने मंगलवार को कहा कि दोनों देश पांच अक्तूबर से एक बार फिर परमाणु वार्ता शुरू करने पर सहमत हो गए हैं। उत्तर कोरिया की अधिकृत कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी की तरफ से जारी बयान में चोई ने कहा कि दोनों देशों के अधिकारी चार अक्तूबर को प्राथमिक मुलाकात करेंगे और इसके बाद पांच अक्तूबर से अधिकृत वार्ता शुरू हो जाएगी।

संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया ने की अमेरिकी उकसावे की शिकायत
उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका के साथ चल रहे गतिरोध की संयुक्त राष्ट्र में सोमवार को निंदा की। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बताया कि समस्या अमेरिका के राजनीतिक और सैन्य उकसावे के कारण है। उत्तर कोरिया के राजदूत किम सोंग ने कहा कि अब अमेरिका पर ही निर्भर करता है कि वह बातचीत के अवसर तैयार करती है या नहीं।

उत्तर कोरिया के राजदूत ने कहा, ‘यह अमेरिका पर निर्भर करता है कि बातचीत अवसरों के द्वार खोलती है अथवा ऐसी स्थिति पैदा करती है कि जिससे संकट और बढ़े।’ सोंग ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप बढ़े हुए तनाव के अनेक चक्रों से बाहर नहीं निकल पाया है। जिसकी पूरी जिम्मेदारी अमेरिका के राजनीतिक और सैन्य उकसावे को जाती है।

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