अन्तर्राष्ट्रीय
US हवाई हमले में मारा गया बगदादी का दाहिना हाथ, ISIS ने भी किया कन्फर्म


कैसे सामने आई कुरैशी के मौत की खबर?
एक जिहादी वेबसाइट पर पोस्ट ऑडियो क्लिप में अदनानी ने कहा, “अमेरिका कुरैशी को मारकर खुश हो रहा है और इसे अपनी बड़ी जीत समझ रहा है। लेकिन हम कुरैशी की मौत से दुखी नहीं हैं। उसकी ख्वाहिश अल्लाह के नाम पर मर जाने की की थी। वह अपने पीछे कई हीरोज को खड़ा करके गया है। उन पर अल्लाह का रहम हो और वह अमेरिका को नुकसान पहुंचाएं।” क्लिप में अदनानी ने ये नहीं बताया कि किन हालातों में और कब कुरैशी की मौत हुई है।
कुरैशी की मौत पर अमेरिका ने क्या कहा है?
22 अगस्त को व्हाइट हाउस ने कुरैशी के मारे जाने की घोषणा की थी। अमेरिका ने जानकारी दी थी कि कुरैशी उर्फ फदहिल अहमद अल-हयाली की मौत 18 अगस्त को नॉदर्न इराक के मोसुल में हवाई हमले में हो गई। हमला एक व्हीकल को टारगेट करके किया गया था। इसमें आईएस मीडिया ऑपरेटिव अबु अब्दुल्ला भी मारा गया था। बता दें कि इराक और सीरिया के बड़े हिस्से पर आईएसआईएस ने कब्जा कर रखा है। वह इस इलाके को इस्लामिक स्टेट (IS) कहता है। आईएस चीफ बगदादी ने खुद को खलीफा और दुनियाभर के मुसलमानों का नेता बताता है।
कौन है कुरैशी?
> कुरैशी को आईएसआईएस में बगदादी के बाद दूसरा ओहदा मिला हुआ था। उसका असली नाम फदहिल अहमद अल-हयाली था। वह आईएस रूलिंग काउन्सिल का मेंबर भी था।
> कुरैशी काम इराक और सीरिया में आतंकियों को व्हीकल, बम, गन्स और भारी वीपन्स मुहैया कराने में कॉर्डिनेशन का था।
> व्हाइट हाउस के मुताबिक, कुरैशी इराक में आईएसआईएल (बाद में आईएसआईएस) का इंचार्ज बनाया गया था। यहां वह बीते दो साल से प्लानिंग ऑपरेशन में था।
> वह सीनियर आतंकियों की तरह पहले इराकी में अल-कायदा का मेंबर रह चुका था।
> सद्दाम हुसैन के शासनकाल में कुरैशी इराकी ऑफिसर के पद पर भी रह चुका है।