अमेरिकी अदालत ने छह जनवरी के विद्रोह मामले में ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए कियाअयोग्य घोषित
वाशिंगटन : अमेरिका के कोलोराडो राज्य के उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि 2021 में अमेरिकी कैपिटल (संसद भवन) पर हुए हमले में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका थी और इस कारण वह अगला राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ सकते। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि राज्य की रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति प्राइमरी चुनाव से ट्रंप का नाम हटाया जाए।
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप (77) को अयोग्य ठहराए जाने वाला यह फैसला संविधान के 14वें संशोधन से जुड़ा है जिसमें कहा गया है कि अमेरिकी संविधान को समर्थन देने, उसका पालन करने तथा उसे अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए शपथ लेने वाले अधिकारी यदि ”विद्रोह में शामिल होते हैं” तो उन पर भविष्य में कार्यालय में शामिल होने पर रोक रहेगी।
ट्रंप अगले वर्ष होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी से नामांकन प्रक्रिया में सबसे आगे हैं। ट्रंप के प्रचार अभियान दल ने कोलोराडो के उच्चतम न्यायालय के ‘त्रुटिपूर्ण’ फैसले को अमेरिकी उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने का संकल्प जताया है।
कोलोराडो के उच्चतम न्यायालय ने एक जिला अदालत के न्यायाधीश के फैसले को बरकरार रखा कि ट्रंप ने छह जनवरी 2021 को संसद भवन में विद्रोह को हवा दी थी लेकिन उस निष्कर्ष को पलट दिया जिसमें कहा गया था कि कि रोक राष्ट्रपति चुनाव पर लागू नहीं होती।
‘सीबीएस न्यूज’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह एक ऐतिहासिक निर्णय है जिसमें पहली बार किसी अदालत ने ट्रंप को राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के अयोग्य पाया है। यह निर्णय छह जनवरी 2021 को संसद परिसर पर हमले में ट्रंप की भूमिका को देखते हुए लिया गया है।
राज्य की अदालत ने अपने फैसले के अमल पर चार जनवरी तक रोक लगाई है इसके एक दिन बाद अर्थात पांच जनवरी को कोलोराडो के प्राइमरी चुनाव में उम्मीवारों के नामों की पुष्टि होनी है । सात सदस्यीय कोलोराडो उच्चतम न्यायालय का यह फैसला राज्य के बाहर लागू नहीं होता।
ट्रंप ने छह जनवरी को संसद परिसर पर हुए हमले में कुछ भी गलत करने से इनकार किया है और 14वें संशोधन के तहत किए जाने वाले मुकदमों को कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग बताया है। ट्रंप ने कोलोराडो में 14वें संशोधन और देश भर में उनके खिलाफ दर्ज इसी तरह के मुकदमों की आलोचना की है और उन्हें बेबुनियाद तथा गैर लोकतांत्रिक करार दिया है।
पूर्व राष्ट्रपति के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस फैसले के खिलाफ अपील की जाएगी। अमेरिकी मीडिया की खबरों के मुताबिक, प्रवक्ता स्टीवन शेउंग ने एक बयान में कहा, ” कोलोराडो उच्चतम न्यायालय ने आज रात त्रुटिपूर्ण फैसला दिया….हमें पूरी उम्मीद है कि अमेरिकी उच्चतम न्यायालय हमारे पक्ष में फैसला सुनाएगा और अंतत: इस प्रकार के मामलों पर रोक लगेगी।”
वहीं राष्ट्रपति जो बाइडन के चुनाव प्रचार में शामिल सदस्यों ने कोलोराडो उच्चतम न्यायालय के फैसले पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार किया। अब तक ट्रंप विभिन्न राज्यों में 14वें संशोधन से जुड़े अनेक मामलों का सामना कर चुके हैं और अब तक नौ ऐसे मामले खारिज किए जा चुके हैं।