अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका ने चीन के साथ शीत युद्ध का किया एलान, लगाए ये आरोप

वाशिंगटन (एजेंसी): अमेरिका और चीन के बीच व्यापार को लेकर शुरू हुई तकरार आखिरकार शीत युद्ध तक पहुंच गई है। चीन को लेकर अपने नए विजन डॉक्यूमेंट (दृष्टि पत्र) में अमेरिका ने उस पर कायदे और कानून पर आधारित वैश्विक व्यवस्था का दुरुपयोग कर उसे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) की विचारधारा और हितों के अनुकूल बनाने का आरोप लगाया है। साथ ही हितों के टकराव में उसके मिल रही चुनौतियों का सीधा जवाब देने की घोषणा की है।

जारी किया विजन डॉक्यूमेंट

‘यूनाइडेट स्टेट स्ट्रेटेजिक एप्रोच टू द पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’ शीर्षक से अमेरिका के इस विजन डॉक्यूमेंट को व्हाइट हाउस ने जारी किया है। वैसे तो इस दस्तावेज में शीत युद्ध शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है, लेकिन उसका मकसद साफ है। अमेरिका ने माना है कि दोनों बड़ी शक्तियां अपने हितों की उचित तरीके से रक्षा करने के लिए आमने-सामने हैं। अमेरिका ने सीसीपी से मिल रही प्रत्यक्ष चुनौतियों का जवाब देने का एलान किया है।

जिम्‍मेदार राष्‍ट्र की तरह बर्ताव

रिपोर्ट में कहा गया है कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चीन (पीआरसी) के प्रति अमेरिकी नीति अभी तक इस उम्मीद पर आधारित थी कि उसके साथ संबंधों को मजबूत बनाने से वहां मौलिक अर्थव्यवस्था और राजनीतिक खुलापन को बल मिलेगा और विश्व व्यवस्था में चीन एक जिम्मेदार राष्ट्र की तरह बर्ताव करेगा।

अमेरिका नहीं समझ पाया चीन की चाल

40 साल के बाद यह प्रमाणित हो गया है कि अमेरिका चीन के आर्थिक और राजनीतिक सुधार की उम्मीद को खत्म करने की भावना को नहीं समझ पाया। पिछले दो दशकों में वहां सुधार धीमा, बाधित या उल्टा रहा। पीआरसी का तेज आर्थिक विकास और विश्व के अन्य देशों के साथ संबंध नागरिक केंद्रित नहीं रहे हैं। बल्कि उसने खुली और नियमों पर आधारित व्यवस्था का दुरुपयोग अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को सीपीपी के हितों और विचारधारा के मुताबिक बनाने की कोशिश की है।

चीन से ही आया कोरोना : ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दोहराया है कि कोरोना वायरस चीन से ही निकला है और उनका देश इसे हल्के में नहीं लेगा। मिशिगन में अफ्रीकी-अमेरिकी नेताओं के साथ बैठक में भाग लेते हुए ट्रंप ने कहा, ‘यह चीन से आया। हम इसको लेकर खुश नहीं हैं। हमने व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, अभी उसकी स्याही सुखी भी नहीं है कि अचानक यह आ गया। हम इसे हल्के में नहीं लेने वाले।’ चीन के प्रति ट्रंप बहुत सख्त बयान देते रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्होंने यह संकेत नहीं दिया है कि वह क्या कदम उठाने जा रहे हैं।

दवा-चिकित्सा उपकरण निर्माण के क्षेत्र में अग्रणी रहेगा अमेरिका

ट्रंप ने कहा कि अमेरिका दवा और चिकित्सकीय उपकरणों के निर्माण के क्षेत्र में अग्रणी बना रहेगा। ट्रंप ने कहा कि वैश्विक महामारी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि एक मजबूत राष्ट्र होने के लिए अमेरिका को उत्पादक देश होना पड़ेगा। उनका उद्देश्य अमेरिका को एक उत्पाद देश बनाने का है। अमेरिका दवा और मेडिकल उपकरणों के निर्माण के क्षेत्र में दुनिया का प्रमुख देश बनेगा। हम अपनी दवा कंपनियों को वापस ला रहे हैं। 

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