अन्तर्राष्ट्रीय

चीन सीमा में घुसकर अमेरिका के जासूसी विमानों ने मिलिट्री ड्रिल की रिकॉर्ड

वाशिंगटन : अमेरिका के दो एडवांस्ड यू-2 जासूसी विमानों (U-2 spy plane) ने बीते दिनों चीन की सीमा में घुसकर मिलिट्री ड्रिल को अपने कैमरों में कैद कर लिया। यही नहीं घातक हथियारों से लैस इन विमानों को मौका-ए-वारदात पर चीन बेचारगी से देखता रहा। यह बात दुनिया को पता तक नहीं चलती लेकिन चीन ने खुद बयान जारी कर इस वाकए की निंदा की है।

चीनी रक्षा मंत्रालय (Ministry of National Defense China) ने बयान जारी कर कहा है कि देश के उत्तरी हिस्से में सैन्य अभ्यास के दौरान नो-फ्लाई जोन में अमेरिकी वायुसेना के यू-2 टोही विमान (US Air Force U-2 spy plane) की घुसपैठ एक गंभीर और खुलेआम की गई उकसावे वाली कार्रवाई है। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू कीन (Wu Qian) ने कहा कि यह पूरी तरह से उकसावे की कार्रवाई है। हम इसका कड़ा विरोध करते हैं। अमेरिका को ऐसी हरकतें रोकनी चाहिए। यह घटना उस वक्‍त हुई जब चीन की उत्तरी थिएटर कमान सैन्य अभ्यास कर रही थी। चीनी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह घटना उत्तरी चीन में हुई।

हालांकि चीन ने इस घटना का सटीक जगह और टाइमिंग नहीं बताई है। इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच तनाव एक बार फ‍िर बढ़ गया है। यह घटना इसलिए भी गंभीर मानी जा रही है क्योंकि पिछले ही महीने दो अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने शंघाई से महज 75 किलोमीटर की दूरी पर देर तक उड़ान भरी थी। यही नहीं अमेरिकी नौसेना ने दक्षिण चीन सागर में भी एक अभ्‍यास किया था। बीते दिनों रिपोर्ट आई थी कि अमेरिका ने भारत के नजदीक चीन की चुनौती से निपटने के लिए अपने लड़ाकू विमान तैनात किए हैं।

चीन का कहना है कि अमेरिकी विमानों ने उत्तरी इलाके में उसकी सेना के अभ्यास की कई घंटे तक जासूसी की। इससे सैनिकों के अभ्‍यास पर असर हुआ। चीन ने कहा- अमेरिका की यह हरकत खतरनाक है। चीन का कहना है कि यह युद्धाभ्‍यास ताइवान स्ट्रेट में सुरक्षा स्थिति के लिए जरूरी कदम है। चीन का उद्देश्य राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा करना है। उधर, वियतनाम ने चीन पर संप्रभुता के उल्‍लंघन का आरोप लगाया है। उसने कहा है कि दक्षिण चीन सागर में चीनी सेना की ड्रिल क्षेत्र में तनाव बढ़ाने वाली है।

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