अमेरिका ने अफगानिस्तान से गैर-नाटो सहयोगी का दर्जा वापस लिया
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान के एक ‘प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी’ का दर्जा रद्द करने की घोषणा कर दी है। राष्ट्रपति बाइडन ने कहा है कि 1961 के विदेशी सहायता अधिनियम की धारा 517 के अनुसार (संशोधित 22 यूएससी 2321k) अमेरिका एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के रूप में अफगानिस्तान के पदनाम को रद्द करने की घोषणा करता है।
गौरतलब है कि जुलाई 2012 में संयुक्त राज्य अमेरिका ने अफगानिस्तान को एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के रूप में नामित किया था। अमेरिका ने 2001 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले के बाद अफगानिस्तान में नाटो सेनाओं का नेतृत्व करते हुए तालिबान और अन्य आतंकी संगठनों के खिलाफ ऑपेरशन एंड्योरिंग फ्रीडम चलाया था। अमेरिकी और नाटो फौजों ने तब यह समझा था कि आतंकवाद से निपटने में अफगानिस्तान की सरकार का सहयोग चाहिए और चूंकि तब तालिबान की सरकार भी नहीं थी और एक लोकतांत्रिक रूप से चुनी सरकार अफगानिस्तान में काम कर रही थी, इसलिए अफगानिस्तान को अमेरिका ने Major Non Nato Ally का दर्जा दिया था लेकिन अब वहां तालिबान की सरकार आ जाने और अमेरिका की सेनाओं के वहां से वापस आ जाने के बाद अफगानिस्तान को यह दर्जा जारी रखने का कोई औचित्य अमेरिका को नही दिखता ।
तालिबान आतंकवाद से निपटने में भी अमेरिका के लिए लाभदायक नही है क्योंकि वह खुद एक आतंकी नेटवर्क है और साथ ही मानवाधिकार उल्लंघन का रिकॉर्ड पिछले 1 साल में तालिबान ने बनाया है।