उत्तर प्रदेश-एक दिन में रिकॉर्ड 13,236 सैम्पल की जांच हुई
4,320 पॉजिटिव मरीज, 6,344 लोग इलाज से हुये ठीक
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना नमूनों की प्रतिदिन होने वाली जांच की संख्या पहली बार 13 हजार पार कर गई। प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अमित मोहन प्रसाद ने सोमवार को बताया कि रविवार को रिकॉर्ड जांच की गई। इससे पहले एक दिन में अधिकतम जांच की संख्या 12,589 थी। उन्होंने कहा कि जल्द ही हम टेस्टिंग को 15,000 प्रति दिन तक पहुंचाएंगे। इससे पहले शनिवार को 11,308, शुक्रवार को 11,318, गुरुवार को 12,589, बुधवार को 10,563, मंगलवार को 9,322, सोमवार को 9,575 और रविवार 31 मई को 8,642 कोरोना नमूनों की जांच की गई थी।
उत्तर प्रदेश में वायरस से गयीं कुल 283 जान
प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य ने बताया कि प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या अब 75 जनपदों में 4,320 हो गई है। वहीं अब तक 6,344 लोग इलाज के बाद पूरी तरह ठीक होने के बाद घर भेजे जा चुके हैं। इसके अलावा अब तक प्रदेश में इस वायरस से कुल 283 मौतें हुई हैं।
जिन 18 जिलों में आये सबसे ज्यादा प्रवासी, वहां के 72 गाँव में की गयी विशेष जांच
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही जिन जनपदों में सबसे अधिक प्रवासी कामगार आये हैं, वहां भी जांच की गई है। इसमें 18 जनपदों झांसी, कौशाम्बी, प्रयागराज, आजमगढ़, बहराइच, बलरामपुर, बांदा, बस्ती, चित्रकूट, जालौन, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, महाराजगंज, मीरजापुर, संत कबीर नगर, शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर और श्रावस्ती के चार-चार गांवों को मिलाकर कुल 72 गांवों का चयन किया गया। इन गांवों में 50 या उससे अधिक की संख्या में प्रवासी कामगार आये हैं। इन्हें आये हुए 15 दिन से ज्यादा का समय गुजर चुका है।
विशेष जांच में ग्रामीणों के 1,687 नमूनों में 1,686 की रिपोर्ट निगेटिव
प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य ने बताया कि इस तरह कुल 72 गांवों के सामान्य नागरिकों के नमूनों की जांच की गई। इनमें कुल 1,687 नमूनों में से 1,686 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। सिर्फ एक रिपोर्ट जो पॉजिटिव आई, उसकी भी जांच में पता चला कि यह गल्ती से कौशाम्बी में लौटे प्रवासी कामगार का नमूना है। इस तरह सभी सामान्य ग्रामीणों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
उन्होंने कहा कि इससे सामने आया कि ग्राम निगरानी समितियां अच्छा योगदान दे रही हैं। प्रवासी कामगारों ने भी घरेलू एकांवास के नियमों का पालन किया।
पश्चिमी उप्र में संक्रमण के ज्यादा मामले, बड़े शहरों के लोग बरतें सतर्कता
उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में प्रवासी कामगारों का आना लगभग समाप्त हो गया है। थोड़ी संख्या में ही आगमन हो रहा है। वहीं अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विशेष तौर पर मेरठ मंडल के जनपदों और अन्य बड़े शहरों से संक्रमण के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। शहरों में गांवों की तुलना में आबादी ज्यादा सघन है। लोग एक दूसरे के सम्पर्क में ज्यादा रहते हैं।
कोरोना का कैरियर स्वयं मनुष्य है। इसलिए जितना ज्यादा लोग एक दूसरे के सम्पर्क में रहेंगे, संक्रमण की सम्भावना उतनी ज्यादा होगी। ऐसे में बड़े शहरी क्षेत्रों के लोगों को विशेष रूप से सतर्क रहकर संक्रमण से स्वयं बचने और दूसरों को बचाने की जरूरत है।