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ओलंपिक-2032 तक भारतीय कुश्ती को समर्थन देगी उत्तर प्रदेश सरकार

स्पोर्ट्स डेस्क : भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह ने बोला कि कुश्ती को गोद लेने वाली उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पहलवानों के समर्थन और बुनियादी ढांचों के लिए 2032 ओलंपिक तक 170 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है. डब्ल्यूएफआई के शीर्ष अधिकारी ने बोला है कि उन्होंने ओडिशा सरकार के हॉकी खेल के समर्थन देने के कदम से प्रेरणा लेकर उत्तर प्रदेश सरकार से अपने खेल के लिए इसी तरह की मदद की गुजारिश की.

सिंह ने बोला कि, ओडिशा छोटा राज्य है, फिर भी वो इतने शानदार तरीके से हॉकी का समर्थन कर रहा है तो हमने सोचा कि उत्तर प्रदेश कुश्ती का समर्थन क्यों नहीं कर सकता जबकि ये इतना बड़ा राज्य है. हमने उनसे संपर्क किया और सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसे स्वीकार कर लिया.

हमने अपने प्रस्ताव में 2024 खेलों तक प्रत्येक साल समर्थन के लिए 10 करोड़ रुपये की मांग की (मतलब 30 करोड़ रुपये) और 2028 के अगले ओलंपिक चक्र के लिए प्रत्येक वर्ष 15 करोड़ रुपये (60 करोड़ रुपये) की मदद के लिए बोला है और अंतिम चरण में 2032 के लिए प्रत्येक वर्ष 20 करोड़ रुपये (80 करोड़ रुपये) के लिए कहा.

भारतीय कुश्ती महासंघ अध्यक्ष  ब्रजभूषण शरण सिंह 

सिंह ने बोला कि ये प्रायोजन देश के शीर्ष पहलवानों तक ही सीमित नहीं रहेगा. बल्कि कैडेट स्तर के पहलवानों को भी फायदा मिलेगा और राष्ट्रीय चैम्पियनों को भी पुरस्कार राशि मिल सकेगी. डब्ल्यूएफआई ने 2018 में टाटा मोटर्स से भी भारतीय कुश्ती के मुख्य प्रायोजक के तौर पर भागीदारी की थी जिससे उन्हें 12 करोड़ रुपये का वित्तीय सहयोग मिला था और महासंघ टोक्यो ओलंपिक तक पहलवानों को केंद्रीय अनुबंध दे सका था.

उम्मीद है कि शुक्रवार को नये करार से ये भागीदारी फिर शुरू हो जाएगी. सिंह के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार की इस मदद से भारतीय कैडेट स्तर के पहलवानों को भी विदेशों में ट्रेनिंग दौरे मिल पाएंगे. वही डब्ल्यूएफआई निजी एनजीओ जैसे जेएसडब्ल्यू और ओजीक्यू को कुश्ती के समर्थन की मंजूरी देगा या नहीं. इस पर सिंह ने बोला कि सभी दरवाजे खुले हैं लेकिन शर्त के साथ.

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