उत्तर प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने दी प्रदेशवासियों को नागपंचमी की दी बधाई
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नागपंचमी पर्व पर प्रदेशवासियों को बधाई दी है। राज्यपाल ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि नाग पंचमी का पर्व प्रकृति के साथ हमारे जुड़ाव का प्रतीक है। श्रावण मास में नाग पंचमी भगवान शिव संग नागों की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। मुख्यमंत्री योगी ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में जीव-जंतु, वृक्ष-वनस्पति सभी के साथ आत्मीय संबंध जोड़ने की समृद्ध एवं प्राचीन परंपरा है।
उन्होंने कहा, “नाग पूजा का प्रचलन प्राचीन काल से चला आ रहा है। हमारे धर्म शास्त्रों में नाग जागृत कुंडलिनी शक्ति का प्रतीक है। सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु शेषनाग पर ही शयन करते हैं। शेषनाग छत्र बनकर उन्हें छाया प्रदान करते हैं। ज्ञान और मोक्ष के प्रदाता भगवान शिव के आभूषण ही सर्प और नाग हैं। सावन में भगवान शिव के पूजन का विशेष महत्व है।”
योगी ने कहा कि शक्ति के प्रतीक नाग पंचमी के पर्व पर हमारे समाज में पारंपरिक रूप से कुश्ती आदि खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जिसमें जनता उत्साह के साथ भागीदारी करती है। उन्होंने लोगों से कोरोना संक्रमण के चलते सभी सावधानियां बरतते हुए पर्व मनाने की अपील की है।
धर्माचार्य कहते हैं कि नाग पंचमी हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। हिंदू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुक्ल पक्ष के पंचमी को में यह मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है और उन्हें दूध से स्नान कराया जाता है। लेकिन कहीं-कहीं दूध पिलाने की परंपरा है। इस दिन पूजा करने से कुंडली से कालसर्प दोष के साथ-साथ राहु-केतु के दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं। इसके साथ ही सांपों से संबंधित हर तरह का भय खत्म हो जाता है।